एक और नववर्ष हमारे समक्ष उपस्थित है। पुनः हमें बारह महीनों के रूप में नव उपहार मिला है। इन बारह महीनों के लिए यदि हम कोई लक्ष्य निर्धारित कर लें और उसे व्यवस्थित तरीके से पूरा करने के लिए प्रयासरत रहें तो निश्चित रूप से मनचाहा लक्ष्य पाना संभव है। लक्ष्य चाहे कुछ भी हो उसकी प्राथमिकता,रूपरेखा और क्रियान्वयन यदि व्यवस्थित एवं समयबद्ध ढंग से किया जाये तो सफलता मिलना तय है।
आइये इस सुअवसर पर संकल्प लें। और हां! केवल संकल्प लेने भर से काम नहीं चलेगा, इन संकल्पों को दृढ़ संकल्पित हो पूरा करने में जुट जाएं, इन्हें आचरण में लायें, तभी हम घर-परिवार,समाज और देश के समक्ष खरे सोने की भांति पूर्णत: निखरकर प्रस्तुत हो सकेंगे। नववर्ष के प्रारम्भ से ही इन संकल्पों के कियान्वयन में लग जाएं –
— योजना बनाएं –
अपनी रूचियों, अभिरुचियों के अनुसार ही लक्ष्य निर्धारण करें। इसके अनुसार यदि आप लक्ष्य निर्धारित करेंगे तो आपकी प्रतिभा निखरकर सामने आएगी, लक्ष्य प्राप्ति की लालसा बढ़ेगी और आप प्रतिभावान व्यक्ति बन जायेंगे।
— आत्म विश्लेषण करें –
आपको कितना और क्या करना था? कितना हो सका? गलती कहां हुई? कौन सी कमियां रह गई? इन्हें जानने की जरूर कोशिश करें। एकांत में आत्म विश्लेषण करें। अपनी कमियों को नकारें नहीं बल्कि उसे जानकर दूर करने का प्रयास करें।
— समय के साथ चलें-
जो समय के साथ नहीं चलता उसे समय पीछे छोड़ देती है। इसके लिए आप अपने आस-पास होने वाली हर घटनाओं पर नजर रखें। पत्र- पत्रिकाओं, टीवी- रेडियो आदि के संपर्क में रहकर नित नवीन जानकारियां एकत्र करते रहें। इंटरनेट आपका ज्ञानकोश बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।
— संघर्ष बिना सफलता नहीं –
संघर्ष का अर्थ है – प्रतिकूल परिस्थितियों से जान लगाकर जूझना। कैसी भी प्रतिकूल परिस्थितियाँ हों, कठिन परिश्रम हो, हम उसमें उत्तीर्ण हो सकते हैं, केवल अपने व्यक्तित्व को संघर्षशील बनाकर। अपनी सोच को सकारात्मक बनाकर प्रतिकूल परिस्थितियों के विरूद्ध संघर्ष में सफलता शीघ्र मिलती है।
रचनात्मकता से परिपूर्ण रहें –
मनुष्य रचनात्मक शक्ति का स्रोत माना गया है, प्रत्येक मनुष्य के अंदर कुछ न कुछ रचनात्मकता छुपी हुई रहती है। और इसी रूप में उसके अस्तित्व की पहचान स्थापित है। हम सभी के जीवन में रचनात्मकता के लिए अपार संभावनाएं हैं। अपनी पसंदीदा क्षेत्र चुने और पूरी लगन के साथ निरंतर इस राह में आगे बढ़ें। हो सकता है इस हुनर से आपका दुनिया में नाम रोशन हो जाये।
— तनावमुक्त रहें –
सफलता पाने के लिए तनावमुक्त रहना अति आवश्यक है। तनावमुक्त होकर कार्य करने वाला ही सफलता की ऊंचाइयों को छू पाता है। तनाव युक्त इंसान सदैव पीडि़त व मानसिक रूप से परेशान रहता है। तनाव मुक्त रहना सुखी जीवन की पहली सीढ़ी है। इसलिए हर व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए तनावमुक्त रहना चाहिए।
— हमारा व्यक्तित्व –
व्यक्तित्व के गुण जैसे पहनावा, हाव-भाव, रहन-सहन, बोलचल आदि सफलता पर बहुत प्रभाव डालते हैं। इसी तरह ईमानदारी, विनम्रता, कर्तव्यनिष्ठा हमें अपनी सफलता की ओर तेजी से ले जाती है। याद रखें, हमारा सद्व्यवहार ही हमारे व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है।
— निरंतर प्रयास –
कहा जाता है कि, ‘कोशिशें ही कामयाब होती हैं और वायदे अक्सर टूट जाते हैं।’ ठीक उसी तरह यह भी सत्य है कि प्रयास विफल होते हैं, आदमी नहीं।निरंतर प्रयासरत व्यक्ति ही सफलता की उचाईयों को छू सकता है। किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि व्यक्ति कभी भी हिम्मत न हारे और अविराम प्रयास करता रहे।
— सेहत पर ध्यान दें –
एक संकल्प यदि अपनी सेहत पर ध्यान देने की हो, तो सोने पे सुहागा होगा। सेहतमंद व्यक्ति हमेशा खुश और तनावमुक्त रहता है। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन से ही आज की भागदौड़ और प्रतिस्पर्धा भरे माहौल में आगे बढ़ पाना आसान रहता है।
— सकारात्मक सोच रखें –
हर सकारात्मक सोच के साथ उम्मीदों का जुड़ाव रहता है, और यही उम्मीदें हमारी सफलता की सीढ़ी बनती है। सकारात्मकता सर्वत्र है आवश्यकता है अपना नजरिया बदलने की।