बचिए साइनोसाइटिस से

sinusitis

साइनस हमारी नाक की हड्डियों के आसपास स्थित हवादार पॉकेट्स को कहते हैं। इनमें संक्रमण होना साइनोसाइटिस कहलाता है। ऐसे में आपकी नाक अक्सर बंद रहती है, उससे पानी आने लगता है और कभी-कभी आंखों, गालों और माथे में दर्द होता है।


अक्यूट साइनोसाइटिस संक्रमण से उत्पन्न होती है और फिर इससे सर्दी हो जाती है। कभी-कभी इसमें बुखार और तेज दर्द भी होता है। यह बीमारी कुछ ही दिनों में ठीक हो सकती है मगर कभी-कभी तीन-चार सप्ताह भी लग सकते हैं।


अक्यूट साइनोसाइटिस के मुकाबले क्रॉनिक साइनोसाइटिस ज्यादा जल्दी ठीक होती है। इसमें दर्द भी कम होता है पर इसमें भी कई बार सनसनाहट के साथ सिरदर्द और बंद नाक की शिकायत रहती है और बुखार बहुत कम होता है। साइनोसाइटिस से पीड़ित कई लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि उन्हें यह रोग है। उन्हें यह लगता है कि उन्हें सर्दी है जो ठीक नहीं हो रही है। इसका इलाज बेहद जरूरी होता है क्योंकि कभी-कभी हालत बिगड़ जाने पर यह अस्थमा या ब्रॉन्काइटिस का रूप ले लेती है। कुछ खास केसेज में तो यह दिमाग और आंखों पर भी असर करती है।


साइनोसाइटिस के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं। जिन लोगों को इसकी शिकायत रहती है, उन्हें तनाव से होने वाला सिरदर्द, एलर्जी और लगातार सर्दी या फ्लू रहता है। अक्यूट और क्रॉनिक साइनोसाइटिस का सबसे साधारण लक्षण है नाक बंद होना।


अक्यूट साइनोसाइटिस के लक्षण

बुखार
पीला या हरा कफ (बलगम)
आवाज भारी होना
नाक से बदबू आना और मुंह का स्वाद बिगड़ जाना
गाल, माथा और आंखों के आसपास के हिस्सों में तेज दर्द होना। इससे ही पता लगाया जा सकता है कि कौन सा साइनस प्रभावित हुआ है।


क्रॉनिक साइनोसाइटिस के लक्षण  

क्रॉनिक साइनोसाइटिस के लक्षण इतने स्पष्ट नहीं होते हैं।
चेहरे के बीच वाले हिस्से पर दबाव या हल्का दर्द महसूस करना। यह दर्द कुछ सप्ताह से ले कर महीनों तक रह सकता है और इससे सबसे ज्यादा तकलीफ सुबह-सुबह होती है, जब आप अपना सिर भी नहीं हिला पाते हैं।


इसका कफ आम कफ से गाढ़ा होता है। यह नाक से गले तक पहुंच जाता है।श्
कान भी बंद लगने लगते हैं।


आपको साइनोसाइटिस है या नहीं, यह पता लगाने के लिए डॉक्टर फ्लैशलाइट से आपकी नाक की अच्छी तरह जांच करते हैं। इस पद्धति को ट्रांसइल्युमिनेशन कहते हैं। सर्दी के लक्षण कई दिनों तक रहने पर भी साइनोसाइटिस की बीमारी आपको जकड़ सकती है।
कई बार दवाइयों के रिएक्शंस से भी यह तकलीफ हो सकती है।


दांतों के संक्रमण से भी साइनोसाइटिस फैल सकता है।
जो लोग गर्म और आर्द्र जलवायु में रहने के आदि हैं, उन्हें एलर्जिक फंगल क्रॉनिक साइनोसाइटिस हो सकती है।श्


क्या करें बचने के लिए  

अगर आपको किसी चीज से एलर्जी हो जैसे कि तंबाकू का धुआं, केमिकल फ्यूम्स या दूषित हवा तो इनसे दूर रहें।


सोते वक्त अपना सिर सीधा रखें ताकि साइनसेज बंद न हो।
धूम्रपान करते हों तो उसे छोड़ दें।


बंद साइनसेज को खोलने के लिए भाप लें। एक शावर ले लें या फिर अपनी नाक के ऊपर गीला कपड़ा रख लें।