अंकारा, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में स्वीडन को शामिल किए जाने पर तुर्किये की संसद की एक समिति मंगलवार को विचार-विमर्श फिर से शुरू करने वाली है।
कुछ दिन पहले, तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने स्वीडन को नाटो में शामिल किए जाने के मुद्दे को एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदने के तुर्किये के अनुरोध पर अमेरिकी मंजूरी से जोड़ा था।
नाटो के सदस्य तुर्किये ने जुलाई में स्वीडन के संगठन में शामिल होने पर अपनी आपत्ति हटा ली, लेकिन संसद में अनुमोदन की प्रक्रिया रुकी हुई है। तुर्किये ने स्वीडन पर तुर्किये की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है।
इस महीने, एर्दोआन ने देश के मौजूदा लड़ाकू विमानों के बेड़े को आधुनिक बनाने के लिए 40 नए एफ-16 लड़ाकू विमान और उपकरण खरीदने की योजना जाहिर की थी। तुर्किये के नेता ने यह भी कहा था कि कनाडा और नाटो के अन्य सहयोगियों को तुर्किये पर लगाए गए हथियार प्रतिबंध हटाने चाहिए। अमेरिका ने एफ-16 के संबंध में तुर्किये के अनुरोध का समर्थन किया है लेकिन तुर्किये को सैन्य साजो-सामान बिक्री का कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में कड़ा विरोध है।
तुर्किये संसद की विदेश मामलों की समिति ने पिछले महीने नाटो में स्वीडन की सदस्यता पर चर्चा शुरू की थी। हालांकि, एर्दोआन की सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों द्वारा इस आधार पर स्थगन प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद बैठक स्थगित कर दी गई कि कुछ मुद्दों पर अधिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता है और स्वीडन के साथ बातचीत ठोस शक्ल नहीं ले सकी है।
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वीडन और फिनलैंड सैन्य गुटनिरपेक्षता का रुख त्यागकर नाटो की सदस्यता के लिए आगे बढ़े। तुर्किये की संसद के अनुमोदन के बाद फिनलैंड अप्रैल में नाटो में शामिल होने के साथ ही संगठन का 31वां सदस्य बन गया।
नाटो के विस्तार के लिए सभी मौजूदा सदस्यों की मंजूरी की आवश्यकता है। तुर्किये और हंगरी ही ऐसे देश हैं जो इस पर आपत्ति जता रहे हैं। हंगरी ने स्वीडन की सदस्यता के अनुरोध को यह कहते हुए रोक दिया कि स्वीडन के नेताओं ने हंगरी के लोकतंत्र की स्थिति के बारे में ‘‘सरासर झूठ’’ बोला है।