2024 के चुनाव का बिगुल बज गया , शुरुआत अमित शाह ने बंगाल से कर दी

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का परिणाम अभी आना बाकी  है लेकिन भाजपा  ने 2024 की चुनावी जंग का बिगुल अभी से फूंक दिया है क्योकि भाजपा हमेशा चुनावी मोड़ में रहती है । इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को कोलकाता पहुंचे। शाह ने कोलकाता के धर्मतला में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ राज्य की राजधानी में हुंकार भरी। भाजपा ने अमित शाह की रैली को ‘प्रतिवाद सभा’ का नाम दिया है और ‘कोलकाता चलो’ के नारे के साथ रैली का आयोजन किया । रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, ‘हम 2024 में न केवल मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे बल्कि पश्चिम बंगाल में सरकार बनाएंगे’।

बता दें कि बुधवार को अमित शाह ने कोलकाता रैली उसी मैदान में की, जहां सोहरावर्दी ने प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस कहा था। शाह ने कहा कि,  यह मैदान मेरे लिए बहुत भाग्यशाली है।’ बंगाल में अगली सरकार भाजपा  की होगी। आपने 77 सीटें दी हैं और अभी-अभी दीदी ने सुवेंदु अधिकारी को विधानसभा से निष्कासित किया है। सुनो दीदी, आप सुवेंदु को विधानसभा से तो निकाल सकती हैं लेकिन जनता के दिल से नहीं। शाह ने रैली में सवाल किया कि, बताओ क्या यहां भ्रष्टाचार रुक गया? मोदी जी बंगाल को करोड़ों का फंड भेजते हैं लेकिन टीएमसी वह पैसा ले लेती है। टीएमसी ने बंगाल को बर्बाद कर दिया है। बंगाल में राजनीतिक हिंसा सबसे ज्यादा है। घुसपैठ ही मुख्य मुद्दा है। ममता जी इसे रोक नहीं सकतीं। जो बंगाल कभी रवीन्द्र संगीत सुनता था, अब बम की आवाजें सुनता है। मैं गुजरात से हूं लेकिन मेरे राज्य में किसी ने भी किसी नेता के पास   भी किसी नेता के पास से नोटों के बंडल नहीं देखे। ममता बनर्जी अपने अन्य गठबंधन दल के साथ अयोध्या में राम मंदिर पर आपत्ति जताती रहीं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सीएए देश लागू करेगी।

शाह ने आरोप लगाया कि ममता दीदी वोट के चक्कर में बांग्लादेश और म्यांमार से आ रहे घुसपैठियों के आधार  कार्ड बनवा रही है और ये घुसपैठिए बंगाल के हिन्दुओं का हक मार रहे हैं, भाजपा  ये नहीं चलने देगी। उन्होंने मुख्यमंत्री  ममता को चुनौती देते हुए कहा कि, ‘मैं ममता बनर्जी को चुनौती देता हूं कि वह अपने गिरफ्तार टीएमसी नेताओं और मंत्रियों को निलंबित करें। वह बेतहाशा दुर्गा नाम का जाप कर रही हैं ताकि उनके गिरफ्तार मंत्री/नेता उनके भतीजे के बारे में गलत बातें न फैला सकें। ममता बनर्जी आप पूरी कोशिश कर लें, पिछला चुनाव आपने अवैध तरीके अपनाकर जीता था लेकिन 2026 में हम राज्य में सरकार बनाएंगे। हम बंगाल को सोनार बांग्ला बनाएंगे और केवल भाजपा ही ऐसा कर सकती है।

दरअसल, भाजपा  की रणनीति स्पष्ट है। लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का ज्यादा फोकस पश्चिम बंगाल, उडी़सा, तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु जैसे उन राज्यों में होगा, जहां भाजपा  की स्थिति कमजोर हैं और जहां लोकसभा सीटें बढ़ने की संभावना है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा  ने बंगाल में कुल 42 में से 18 सीटें जीती थी जबकि 2014 में भाजपा  के पास सिर्फ दो सीटें थी। इसके बाद 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा  को 77 सीटें मिलीं जबकि उससे 5 साल पहले बंगाल विधानसभा में भाजपा  का एक भी विधायक नहीं था। अब भाजपा  बंगाल में मुख्य विपक्षी दल है। बंगाल में लैफ्ट फ्रंट तकरीबन पूरी तरह खत्म हो गया है। कांग्रेस का अस्तित्व न के बराबर है। अब मुकाबला भाजपा  और तृणमूल कांग्रेस के बीच है। इसीलिए भाजपा  बंगाल में पूरी ताकत लगा रही है। बंगाल की तरह भाजपा  की नजर तेलंगाना पर भी है। तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा  को कुल 119 में से सिर्फ एक सीट मिली थी लेकिन उसके बाद लोकसभा चुनाव में भाजपा  ने 17 में 4 सीटें जीतीं। भाजपा  को तेलंगाना से भी उम्मीदें हैं। इसीलिए इस बार विधानसभा चुनाव में भी भाजपा  ने तेलंगाना में काफी ताकत लगाई।

अमित शाह की जब  रैली हो रही थी  उसके  जवाब में ममता ने भी अपनी पार्टी के नेताओं के साथ केन्द्र सरकार के खिलाफ विधानसभा परिसर में धरना दिया। मोदी सरकार पर बंगाल के साथ भेदभाव का इल्जाम लगाया। कुल मिलाकर बुधवार को कोलकाता में अगले लोकसभा चुनाव के कैंपेन का टोन दिखाई दिया। कोलकाता में अमित शाह की रैली के लिए भाजपा  ने काफी तैयारी की थी। ममता की सरकार इस रैली को रोकना चाहती थी। पहले प्रशासन ने रैली की अनुमति नहीं दी। भाजपा  ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने ममता सरकार की दलीलों को खारिज करके अमित शाह की रैली को हरी झंडी दी। इससे भाजपा  नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ गया। इसलिए अमित शाह की रैली में जबरदस्त भीड़ जुटी।

पश्चिम बंगाल में, ममता के राज में, विरोधियों की रैली में इस तरह की भीड़ कम दिखती है। भीड़ को देखकर अमित शाह ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी धांधली करके जीत गई लेकिन अब ममता के जाने का वक्त आ गया है। अमित शाह ने कहा कि बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति अब खत्म होगी, हिन्दुओं का हक मारने वालों की विदाई होगी । अमित शाह ने ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार, अपराध, चुनावी हिंसा, तुष्टिकरण और घुसपैठ के मुद्दों पर घेरा और इसके बाद सिटिज़नशिप अमेंडमेंट एक्ट का मसला उठाया। अमित शाह ने कहा कि अब  सीएए  को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता। शाह ने कहा कि घुसपैठ को रोकने के लिए  सीएए  जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में ममता ने घुसपैठियों को वोटर बनाने के अवैध सेंटर खोल दिए हैं। अमित शाह ने याद दिलाया कि ममता जब सत्ता में नहीं थीं तो घुसपैठियों के मुद्दे पर संसद नहीं चलने देती थीं लेकिन कुर्सी पर बैठने के बाद अब सियासी फायदे के लिए, बंगाली हिन्दुओं का हक मारने वाले घुसपैठियों की सगी बन गई हैं। शाह ने तृणमूल कांग्रेस पर बदले की राजनीति का इल्जाम लगाया।

कोलकाता में जिस वक्त अमित शाह पब्लिक मीटिंग कर रहे थे, उसी वक्त कुछ ही दूरी पर ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों के साथ विधानसभा परिसर में केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दे रही थी। तृणमूल कांग्रेस का इल्जाम है कि केंद्र सरकार बदले की राजनीति कर रही है और बंगाल को उसके हक का पैसा नहीं दिया जा रहा है, मोदी सरकार ने मनरेगा का पैसा रोक दिया है जिसका असर तकरीबन 3,000 गरीब मजदूरों पर पड़ रहा है। चूंकि बुधवार को अमित शाह की रैली थी, इसलिए ममता ने एक बार फिर इस मुद्दे को हवा दी।

अमित शाह को मालूम था कि यह मुद्दा उठेगा  इसलिए वो पूरा ब्यौरा लेकर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने पिछले नौ साल में पश्चिम बंगाल की सरकार को 54 हजार करोड़ रु दिये, जबकि यूपीए शासन में 10 साल के दौरान बंगाल को केंद्र से सिर्फ 14 हजार करोड़ रुपये मिले थे। अमित शाह की रैली खत्म हुई तो भाजपा  के नेता सीधे विधानसभा परिसर में पहुंच गए। एक तरफ काले कपड़ों में तृणमूल कांग्रेस के नेता ममता बनर्जी अपने विधायकों के साथ धरने पर बैठी थीं तो दूसरी तरफ शुभेन्दु अधिकारी भाजपा  के विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए। भाजपा  ने ममता बनर्जी पर तानाशाही का इल्जाम लगाया, दोनों तरफ से नारेबाजी शुरू हो गई। बाद में ममता बनर्जी ने कहा कि कोलकाता में अमित शाह की रैली फ्लॉप हो गई, इसलिए भाजपा  के लोग विधानसभा परिसर में आकर प्रदर्शन करने लगे।  भाजपा  नेताओं ने आरोप लगाया कि सुबह-सुबह ममता की पार्टी के लोगों ने पूरे कोलकाता में अमित शाह के खिलाफ पोस्टर लगा दिए। जहां-जहां से अमित शाह को गुजरना था, उस पूरे पूरे रूट पर जो पोस्टर बैनर लगाए गए, उनमें लिखा था, ‘मोटा भाय, वोट नाय’। भाजपा  के नेताओं ने आरोप लगाया कि ममता की पुलिस ने भी लोगों को अमित शाह की रैली में पहुंचने से रोका, तमाम बसों को शहर के बाहर ही रोक दिया गया, जो लोग पैदल आ रहे थे, उन्हें पुलिस ने रैली की तरफ नहीं जाने दिया। भाजपा  इस बार बंगाल में पूरी ताकत लगाएगी।