आयुर्वेदिक घरेलू औषधियों में अमृतधारा का अपना विशेष स्थान हैं। साधारण सी दिखने वाली औषधि रोगग्रस्तों के लिए वरदान है। यह औषधि शरीर में पहुंचते ही इतनी जल्दी असर दिखाती है कि रोगी का रोग दूर होकर राहत मिलती है।
अमृतधारा सच में ही अमृत है। यह अनेकों बीमारियों की अनुभूत घरेलू दवा है। इसकी मुख्य विशेषता यही है कि इसका शरीर पर कोई विषाक्त प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रीष्म ऋतु के रोगों जैसे -अतिसार, लू लगना, जी मिचलाना, विसुचिका, उदरशूल, अफरा, अजीर्ण, दन्त शूल, सिर दर्द, कीट दंश, शोध आदि में इसका प्रयोग किया जाता है।
अमृतधारा बनाने की विधि बहुत ही सरल है। इसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता हैं। देशी कपूर 10 ग्राम, अजवायन का सत 10 ग्राम तथा अजवायन के फूल (पिपरमेंट) 10 ग्राम तीनों को समभाग लेकर एक साफ शीशी में डाल दें। अमृतधारा शीघ्र तैयार होने वाली दवा है। इसका प्रयोग अनेकों बीमारियों में किया जाता है।
एक चाय के चम्मच प्याज के रस में दो बूंद अमृतधारा डालकर पीने से हैजा में लाभ होता है।
दो बूंद अमृतधारा ललाट पर मसलने से सिरदर्द में फायदा होता हैं।
थोडे़ से पानी में 3-4 बूंद अमृतधारा डालकर पीने से बदहज़मी, पेट दर्द, दस्त, उल्टी बन्द हो जाती है।
दांत-दाढ़ दर्द पर अमृतधारा का फाया रखने से दर्द में राहत मिलती हैं।
ठण्डे पानी में 4-5 बूंद अमृतधारा डालकर प्रातः सांय पीने से श्वास, खांसी, दमा और क्षय रोग में फायदा होता है।
थोडे़ से पानी में 1-2 बूंद अमृतधारा डालकर छालों पर लगाने से फायदा होता है।
बताशे में 2-3 बूंद अमृतधारा डालकर खिलाने से पेटदर्द में राहत मिलती हैं।
दस ग्राम गाय का मक्खन और पांच ग्राम शहद में तीन बूंद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिनखाने से शरीर की कमजोरी दूर होती है।
भोजन के बाद 2-3 बूंद अमृतधारा ठण्डे पानी में डालकर पीने से, अजीर्ण, मंदाग्नि, बादी, बदहजमी, गैस ठीक हो जाती है।
आंवले के मुरब्बे में 3-4 बूंद अमृतधारा डालकर खाने से हृदय रोग में राहत मिलती है।
दस ग्राम नीम के तेल में 5 बूंद अमृतधारा मिलाकर मालिश करने से सभी प्रकार की खुजली में लाभ होता हैं।
विषेले कीट के काटने पर अमृतधारा मसलने से दर्द में राहत मिलती है।
1-2 बूंद अमृतधारा जीभ पर रखकर अन्दर की तरफ सूंघने से चार मिनट में हिचकी में फायदा होता है।
दस ग्राम वैसलीन में चार बूंद अमृतधारा मिलाकर सभी प्रकार के शरीर दर्द में मालिश करने से दर्द ठीक हो जाता हैं। फटी हुई बिवाई और फटे होंठों पर लगाने से भी फयदा होता है।
5-7 बूंद अमृतधारा एक चम्मच अदरक के रस में मिलाकर लेने से दस्त ठीक हो जाते हैं।