जैसे डॉक्टर रोग के लक्षणों से रोगी शरीर की जांच कर लेता है, इसी प्रकार हमारे शरीर के कुछ लक्षण होते हैं जो स्वास्थ्य की घोषणा करते हैं।
सुबह शाम खूब भूख लगती हो और भोजन रूचिकर एवं स्वादिष्ट लगता हो तो आप स्वस्थ हैं।
पैर गर्म एवं सिर ठण्डा हो, प्रत्येक मौसम में शरीर का तापमान समान 98 डिग्री फारेनहीट रहे तो आप रूग्ण नहीं हैं।
नाखूनों का रंग लाल रहे, पैरों का रंग गुलाबी और चमड़ी भी गुलाबी हो तो आप स्वस्थ हैं।
मल त्याग सामान्य होना चाहिए। यह चिपचिपा न हो, आसानी से निकल जाए तो आपकी पाचन क्रिया ठीक है।
भोजन के पश्चात सुस्ती महसूस न हो, पेट में हलचल न हो तो आप बीमार नहीं हैं।
प्रातः उठते समय मन उदास एवं शरीर सुस्त न हो, आप ताजगी महसूस करे तों आप स्वस्थ हैं।
बार-बार थूकना न पड़े, आप बार-बार गला साफ न करें, पसीने और मल में दुर्गन्ध न हो तो आप स्वस्थ हैं।
आपको सपने ज्यादा न आयें, नींद गहरी आती हो तो आप स्वस्थ हैं।
आप के बाल मुलायम हों, साफ हों, सांस लेते समय आवाज न हो, सांस की गति एक मिनट में 12 की हो तो आप स्वस्थ हैं। कमर पतली, छाती चौड़ी, पेट बढ़ा हुआ न हो, छाती आगे, पेट पीछे हो तो आप स्वस्थ हैं।
दांत, मोती जैसे साफ, स्वच्छ और चमकदार हों, ऊबड़-खाबड़ न हों तो आप स्वस्थ हैं।
जु़बान गुलाबी, साफ चिकनी हो, आंखें चमकदार। आंखें पीली या लाल न हों, आंखों के किनारों पर प्रातः सफेद पदार्थ न हों तो आप स्वस्थ हैं।
चेहरे पर झुर्रियां, झाइयां, पीलापन न हो, चमड़ी खुश्क न हो, आपके हांठों पर खुश्की की पपड़ियां न हों, इसके लिए आप दस गिलास प्रतिदिन जल पिएं। त्वचा खुजलाने पर शरीर पर सफेद निशान न पड़ें तो आप स्वस्थ हैं।
स्वास्थ्य रत्न पाने के लिए संतुलित भोजन, शुद्ध विचार, चिंतामुक्त जीवन हो तो आप दीर्घायु प्राप्त कर सकते हैं।