बारीपदा (ओडिशा), राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक कौशल प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करने मंगलवार को ओडिशा के मयूरभंज जिले के पहाड़पुर गांव पहुंचीं और वह वस्तुत: यहां की अपनी पुरानी यादों में खो गयीं।
द्रौपदी मुर्मू की 1980 में पहाड़पुर के बैंकर श्याम चरण मुर्मू के साथ शादी हुई थी और इसी गांव में उनके सास-ससुर का मकान है। बाद में उन्होंने (राष्ट्रपति ने) इस संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एसएलएस (श्याम-लक्ष्मण-सिपुन) न्यास को दान कर दिया था। यह न्यास उनके (द्रौपदी मुर्मू के) दिवंगत पति और दो बेटों के नाम पर स्थापित किया गया था।
पहाड़पुर गांव पहुंचने के बाद द्रौपदी मुर्मू एसएलएस स्मारक गयीं और उन्होंने अपने पति एवं बेटों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पति का 2014 में देहावसान हो गया था, जबकि उनके दो बेटे अगले कुछ सालों में गुजर गये थे।
गांव पहुंचने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ग्रामीणों से मिलीं, जिनमें कुछ का उनसे और उनके दिवंगत पति से संबंध था। बच्चों के साथ बातचीत के दौरान द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पढाई पर ध्यान देने और आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करते रहने का सुझाव दिया।
ग्रामीणों के साथ बातचीत के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों के विकास के बगैर देश का समावेशी विकास अधूरा है। उनसे भेंट करने वाले ज्यादातर लोग आदिवासी थे।
ओडिशा प्रवास के दूसरे दिन राष्ट्रपति ने पहाड़पुर में एक कौशल प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया, डिजिटल रूप से नये रैरंगपुर डाक संभाग का उद्घाटन किया, रैरंगपुर डाक संभाग के विशेष लिफाफे को जारी किया तथा हरी झंडी दिखाकर बादामपहाड़ से तीन ट्रेन को रवाना किया।
उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी समुदायों के कल्याण को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने आदिवासी युवाओं से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
एलएंडटी ने एसएलएस के साथ मिलकर पहाड़पुर में कौशल प्रशिक्षण केंद्र खोला है। एलएंडटी वित्तपोषित गैरलाभकारी संगठन प्रयास ट्रस्ट की अध्यक्ष मीणा सुब्रमण्यम इस मौके पर मौजूद थी।