द. कोरिया ने अपने जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण स्थगित किया

सियोल, दक्षिण कोरिया ने अपने पहले सैन्य जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण स्थगित कर दिया है। इसका प्रक्षेपण बृहस्पतिवार को होना था। कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने अपने पहले जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने का दावा किया था।

‘स्पेसएक्स’ के साथ एक अनुबंध के तहत, दक्षिण कोरिया को 2025 तक पांच जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने हैं। ‘स्पेसएक्स’ के फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग करके इसका पहला प्रक्षेपण अमेरिका में कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग वायुसेना अड्डे से होना था।

दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि मौसम की स्थिति के कारण प्रक्षेपण विलंबित हुआ है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रक्षेपण इस शनिवार के लिए अस्थायी रूप से पुनर्निर्धारित किया गया है लेकिन यह कोई निश्चित तारीख नहीं है।

दक्षिण कोरिया के पास फिलहाल अपना कोई सैन्य जासूसी उपग्रह नहीं है और वह उत्तर कोरिया की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अमेरिकी जासूसी उपग्रहों का आंशिक रूप से सहारा लेता है।

इस साल की शुरुआत में दो प्रक्षेपण विफलताओं के बाद, उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने 21 नवंबर को अपने “मल्लीग्योंग-1” जासूसी उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। दक्षिण कोरिया ने कहा कि उसने इसकी पुष्टि की है कि उपग्रह कक्षा में प्रवेश कर गया है, लेकिन कहा कि यह सत्यापित करने के लिए उसे और समय चाहिए कि वह ठीक से काम कर रहा है।

उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा कि उसके नेता किम जोंग उन ने मल्लीग्योंग-1 उपग्रह द्वारा वाशिंगटन में व्हाइट हाउस एवं पेंटागन और नौसेना के एक बेस पर अमेरिकी विमान वाहक पोत और वर्जीनिया में एक शिपयार्ड की ली गई तस्वीरों की समीक्षा की।

उत्तर कोरिया ने पहले कहा था कि उपग्रह ने गुआम और हवाई में अमेरिकी सैन्य ठिकानों और दक्षिण कोरिया में प्रमुख स्थलों की तस्वीरें भी प्रसारित कीं।

उत्तर कोरिया ने अभी तक उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरें जारी नहीं की हैं। अन्य देशों के विशेषज्ञ इस बात को लेकर संशय में हैं कि क्या उत्तर कोरियाई उपग्रह उच्च रिजॉल्यूशन की तस्वीरें भेज सकता है और उचित सैन्य जासूसी कर सकता है।