फर्नीचर देता है घर को नया रूप

आज हमारे जीवन में सब कुछ स्टाइलिश है। हर चीज हमें अनोखे अंदाज में ही भाती है। सवाल घर की सज्जा का हो और नये फैशन की चर्चा न हो, यह कैसे हो सकता है?

घर की साज-सज्जा की चीजों में भी रोज फैशन बदल रहा है, खासकर फर्नीचर के मामले में। आज हर कोई बोझिल साज-सज्जा से बचता फिरता है जबकि फर्नीचर ऐसी चीज है जो घर की ज्यादा से ज्यादा जगह घेरता है इसलिए जरूरी है कि अपने घर के फर्नीचर पर गौर किया जाए।


फर्नीचर हमेशा घर की बनावट और उसमें बची जगह को ध्यान में रखकर खरीदना चाहिए। घर छोटा है या टू रूम सैट है तो फर्नीचर भी हल्के-फुल्के होने चाहिए जिससे कम जगह में ज्यादा का आभास हो। यदि घर बड़ा है तो फर्नीचर भारी-भरकम शोभा देता है पर छोटे कमरे में भारी फर्नीचर बोझिल लगता है जहां न आपका रहने का मन करेगा, न किसी अन्य का।


चूंकि आजकल महंगाई का जमाना है, साधारणतया लोग छोटे घरों में रहने लगे हैं इसलिए इन घरों के अनुसार फर्नीचरों के हल्के-फुल्के मॉडल आजकल बाजार में काफी उपलब्ध हैं। इसलिए अपने कम जगह वाले घर के लिए सीधे कट वाले डिजाइनदार फर्नीचर ही लें। टेढ़े-मेढ़े काट या गोल कट वाले फर्नीचरों से दूर रहें। ऐसे फर्नीचरों का फैशन जल्दी ही आउट हो जाता है और ये महंगे भी पड़ते हैं, इसलिए साधारण कट वाले फर्नीचर खरीदना ही फायदेमंद रहता है।


फर्नीचर रॉट ऑयरन और लकड़ी के मिश्रण को मिलाकर बनाया गया हो तो क्या बात है। यह हमेशा ट्रेंड में रहता है। अब बारी आती है फर्नीचर के रंग के चुनाव की। फर्नीचर का रंग प्राकृतिक हो तो बेहतर लगेगा। टीक वुड का प्राकृतिक रंग बेहद खूबसूरत लगता है। उसमें गहरे रंग का हल्का सा टच भी देंगे तो चार चांद लग जायेंगे आपके फर्नीचर में। हल्के रंग का फर्नीचर ज्यादा जगह का अहसास कराता है।


फर्नीचर पर लगा हुआ कपड़ा भी ऐसा होना चाहिए जो आसानी से घर में धुल सके। कपड़ों की वैरायटी से बचें। जान लें कि सूती कपड़ा धुलने के बाद सिकुड़ता है और उसमें अपनी पुरानी चमक भी धुलने के बाद फीकी पड़ जाती है। वैलवेट का कपड़ा देखने में सुंदर लगता है और उसके गन्दा होने का कम ही पता चलता है लेकिन वह धूल मिट्टी को अपने अंदर जमा करता रहता है। दूसरी ओर यह गरमी में असहनीय होता है। इसके अलावा यह आसानी से साफ भी नहीं होता।


पॉलिएस्टर गरमी में गर्म और सर्दियों में ठंडा लगता है इसलिए इसे न ही लगवाएं। सही होगा यदि इसका और सूती का सम्मिश्रित कपड़ा लगवाएं। इसे धोने में सुविधा भी रहेगी। फर्नीचर के लिए अलग से कवर भी बनवा लें जिससे उसका गंदा होने से कुछ बचाव भी हो सके। ये कवर आसानी से धोये भी जा सकते हैं। फर्नीचर पर ऐसी फिनिशिंग करायें जिसमें धन की बचत हो लेकिन वह फूहड़ न लगे।


फर्नीचर पर सस्ती पॉलिश करायें। पॉलिश यूं तो कई तरह की होती है जैसे स्प्रिट, लैकर पॉलिश और पॉलीयूरिथिन पॉलिश। स्प्रिट पॉलिश इन सबमें सस्ती होती है और यदि अच्छी तरह की गई हो तो टिकाऊ भी जबकि लैकर पॉलिश पर पानी के धब्बों का कोई असर नहीं पड़ता चूंकि यह वॉटरप्रूफ होती है। हालांकि यह थोड़ी महंगी होती है फिर भी यह उत्तम है। पॉलीयूरिथिन पॉलिश सबसे महंगी पड़ती है। इसमें स्प्रेगन से पॉलिश करके फिनिशिंग की जाती है। यह अधिक समय तक चलती है।