कभी न कभी कर्ज की जरूरत हर व्यक्ति को पड़ती है। धन ऐसी मूलभूत आवश्यकता हैए जिसके अभाव में जीवनयापन करना असंभव है। आवश्यकता पडऩे पर किसी से उधार लेना या किसी की जरूरत के समय उसे उधार देना आम बात है। पर ऋण लेना और देना दोनों ही काफी जोखिम के काम हैं। कर्ज लेना किसी को अश्छा नहीं लगताए लेकिन हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं होती कि वह एक साथ रुपए खर्च कर सकेए इसीलिए बरसों से हमारे यहां कर्ज लेने की प्रथा रही है। जो लोग सक्षम हैंए उनसे कर्ज लेना अब पुरानी बात हो गई। आजकल बैंकों के माध्यम से यह काम बखूबी हो जाता है। बैंकें भी वसूली करती है यानी कर्ज तो चुकाना पड़ता ही है। कुछ ऐसे ग्रह नक्षत्र होते हैंए जिनमें पैसा लेना और देना दोनों नुकसानदायक हैं। वैसे तो हर व्यक्ति अपने आए दिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए कभी न कभी कर्ज जरूर लेता हैए लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह हो जाती है कि कर्ज कैसे और कब चुकाया जाए। जब कोई इंसान किसी काम को करने के लिए कर्ज लेता है तो उस वक्त तो उसे बड़ा अश्छा महसूस होता हैए लेकिन जब बात आती है उसे चुकाने की तो उसकी परेशानियां पहले से बढ़ जाती हैं। कर्ज लेना एक ऐसी प्रक्रिया हैए जिसका कोई अंत नहीं हैए लेकिन कुछ ऐसे भी दिन हैं। जिस दिन यदि आप अपना कर्ज चुकाते हैं तो वह आपके हित में होगा। कर्ज के लेन.देन में वार का विशेष महत्व होता है। यदि व्यक्ति को किसी कारणवश कर्ज लेना पड़े तो वार देखकर लेना हितकर रहेगा। कुछ दिन और समय तो ऐसे होते हैं जब धन का आदान.प्रदान किया जाए तो उनके वापस मिलने की संभावना खत्म हो जाती है। आइएए जानते हैं ऋण लेने और देने से पूर्व किन बातों का ध्यान रखें.
सोमवार- सोमवार को कर्ज के लेन.देन के हिसाब से काफी शुभ माना गया है। इस वार की अधिष्ठाता साक्षात माता पार्वती को माना गया है। यह चर संज्ञक और शुभ वार है। इस वार को किसी भी प्रकार का कर्ज लेने.देने में हानि नहीं होती है।
मंगलवार- मंगलवार को कर्ज लेने से धन की हानि होती है और आर्थिक अभावों से गुजरना पड़ता है। इस दिन लिया गया उधार दिन.प्रतिदिन बढ़ता रहता हैए लेकिन चुकाया गया कर्ज शुभता लेकर आता है। इस वार के अधिष्ठाता कार्तिकेय हैंए जिन्हें काफी उग्र एवं क्रूर माना जाता है। इस वार को कर्ज लेना शास्त्रों में निषेध बताया गया है। इस दिन कर्ज लेने के बजाय पुराना कर्ज हो तो चुका देना चाहिए।
बुधवार- यह दिन राजकुमार बुध को समर्पित हैए जिनके शुभ और अशुभ प्रभाव से व्यापार और धन प्रभावित होता है। इस दिन कर्ज और उधार देने वाले व्यक्ति का कभी मंगल नहीं हो सकता। बुधवार के देवता विष्णु हैं और यह मिश्र संज्ञक शुभ वार है। इस वार को ्ययोतिष की भाषा में नपुंसक वार माना गया है। यह गणेशजी का भी वार हैए इसलिए इस दिन कर्ज लेने से बचना चाहिए। यदि कर्ज से छुटकारा नहीं हो रहा हो तो प्रत्येक बुधवार को गणेशजी के सम्मुख तीन बार श्ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रष् का पाठ करें और यथाशक्ति पूजन करें।
गुरुवार- इस दिन के देवता ब्रह्मा को माना गया है इसलिए दिन को लघु संज्ञक शुभ वार माना जाता है। गुरुवार को किसी को भी कर्ज नहीं देना चाहिएए लेकिन इस दिन कर्ज लेने से कर्ज जल्दी उतरता है।
शुक्रवार- शुक्रवार के अधिष्ठाता देवराज इन्द्र को माना गया है। यह मृदु संज्ञक और सौम्य वार हैए जो कर्ज लेने और कर्ज देने दोनों के लिए शुभ माना जाता है।
शनिवार- शनिवार के अधिष्ठाता देव साक्षात काल हैं। यह दारुण संज्ञक क्रूर वार है। स्थिर कार्य करने के लिए ठीक है परंतु कर्ज के लेन.देन के लिए ठीक नहीं है। इस दिन कर्ज लेने से कर्ज विलंब से चुकता है और कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
रविवार को सप्ताह का आरंभ होता है और यह दिन ऋणहर्ता भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। इस दिन पैसों का लेन.देन करना अशुभ होता है। उधार चुकाने में बहुत सारी समस्याएं आती हैं। रविवार के देवता भगवान शिव हैं। इस वार को स्थिर संज्ञक और क्रूर वार भी माना जाता है। रविवार को न तो कर्ज देना चाहिए और न ही लेना चाहिए।
सूर्य का राशि परिवर्तन यानी संक्रांति को पैसे के लेन.देन से बचना चाहिए।
चर लग्न जैसे. मेषए कर्कए तुला व मकर लग्न में कर्ज लेने पर शीघ्र उतर जाता है। लेकिनए चर लग्न में कर्ज नहीं दें। चर लग्न में पांचवें व नौवें स्थान में शुभ ग्रह व आठवें स्थान में कोई भी ग्रह नहीं होए वरना ऋण पर ऋण चढ़ता चला जाएगा।
भूलकर भी हस्त नक्षत्र में कर्ज न लेंए लेकिन चुकाना समृद्धि और सौभाग्य लाता है। किसी भी महीने की कृष्ण पक्ष की 1 तिथिए शुक्ल पक्ष की 2ए -ए 4ए 6ए 7ए 8ए 10ए 11ए 12ए 1-ए पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।
कर्ज लेने जाते समय घर से निकलते वक्त जो स्वर चल रहा होए उस समय वही पांव बाहर निकालें तो कार्य सिद्ध होता है।
वृद्धि योग में जो भी काम किया जाए उसमें बढ़ोतरी होती है। कर्ज लेने से बढ़ता है और चुकाने पर स्वयं के धन में धन की देवी लक्ष्मी कृपा करती हैं।
कर्ज से मुक्ति के उपाय
यहाँ पर हम शास्त्रों और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कर्ज लेने व देने संबंधी कुछ आसान से उपाय बता रहे हैं। इन पर अमल करने पर निश्चित ही आपका कर्जए बिल्कुल समय से सुविधानुसार आपके सिर से उतर जाएगा।करें इन कर्ज मुक्ति मन्त्र के जप
1ण् श्ऊँ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमरू्य
2ण् श्ऊँ मंगलमूर्तये नमरू।्य
-ण् श्ऊँ गं ऋणहर्तायै नमरू।्य
इनमें से किसी भी मन्त्र के नित्य कम से कम एक माला के जप से व्यक्ति को अतिशीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है। सरसों का तेल मिट्टी के दीये में भरकरए फिर मिट्टी के दीये का ढक्कन लगाकर किसी नदी या तालाब के किनारे शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय जमीन में गाड़ देने से कर्ज मुक्त हो सकते हैं।
बुधवार को स्नान पूजा के बाद व्यक्ति सर्वप्रथम गाय को हरा चारा खिलाये उसके बाद ही खुद कुछ ग्रहण करे तो उसे शीघ्र ही कर्ज से छुटकारा मिल जाता है।
शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद अपनी लंबाई के बराबर काला धागा लेकर उसे एक नारियल के ऊपर लपेट लें। फिर अपनी नियमित पूजा के साथ इसका भी पूजन करेंए पूजा के बाद इस नारियल को भगवान से ऋण मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हुए बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस छोटे से उपाय से आपको अपनी मेहनत के श्रेष्ठ फल मिलने के योग बनेंगे और आप के ऊपर शीघ्र ही कर्ज का भार कम होने लगेगा।
मंगलवार को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल श्ऊँ ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमरूष्मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं।
उ्यजैन ;मध्यप्रदेशद्ध स्थित अंगारेश्वर महादेव पर ऋण मुक्ति पूजन.अभिषेक करवाएं।
सर्व.सिद्धि.बीसा.यंत्र धारण करने से सफलता मिलती है।
5 गुलाब के फूलए 1 चाँदी का पत्ताए थोड़े से चावलए गुड़ लें। किसी सफेद कपड़े में 21 बार गायत्री मन्त्र का जप करते हुए बांधकर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा 7 सोमवार करें।
घर की चौखट पर अभिमंत्रित काले घोड़े की नाल शनिवार के दिन लगाएं।
बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी.शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है।
हनुमानजी के चरणों में मंगलवार व शनिवार के दिन तेल.सिंदूर चढ़ाएं और माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का पाठ करें।