टोल के खिलाफ मनसे का आंदोलन: ठाकरे ने इसे राज्य का सबसे बड़ा घोटाला बताया

मुंबई, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने सोमवार को राज्य सरकार को चेतावनी दी कि यदि छोटे वाहनों को टोल शुल्क अदा करने में छूट दिलाने से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोका जाता है तो वे राज्य के टोल बूथों को आग के हवाले कर देंगे।

ठाकरे ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में टोल शुल्क संग्रह राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अगले कुछ दिन में मुलाकात के लिए समय मांगा है। देखते हैं कि बैठक में क्या नतीजा निकलता है, अन्यथा उपमुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) के बयान को ध्यान में रखते हुए मनसे कार्यकर्ता हर टोल बूथ पर जमा होंगे और सुनिश्चित करेंगे कि चार पहिया, तिपहिया तथा दुपहिया वाहनों को टोल शुल्क नहीं देना पड़े। अगर हमें रोका जाता है तो हम उसमें (टोल बूथ में) आग लगा देंगे।’’

फडणवीस ने रविवार को कहा था कि छोटे वाहनों को टोल शुल्क अदा करने से छूट है।

ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ साल में राज्य में सरकार में आए सभी राजनीतिक दलों में से एक ने भी महाराष्ट्र को टोल मुक्त बनाने का अपना वादा पूरा नहीं किया।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उन्हें (नेताओं) हर दिन, हर सप्ताह और हर महीने टोल बूथ पर जमा राशि में से कुछ हिस्सा मिलता है। इसलिए टोल बूथ कभी बंद नहीं किए जाएंगे और आपको अच्छी सड़कें भी कभी नहीं मिलेंगी।’’

ठाकरे ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में टोल शुल्क संग्रह राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। मैं टोल शुल्क संग्रह और इससे जुड़ी अन्य जानकारियों की गहन जांच चाहता हूं।’’

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा अदालत के समक्ष दायर याचिका वापस लिए जाने के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘‘ मुझे समझ नहीं आता कि उन्होंने यह फैसला क्यों किया। मेरे पास मुख्यमंत्री शिंदे के लिए एक सवाल है, जिन्होंने टोल शुल्क के खिलाफ याचिका दायर की थी, लेकिन अब उन्होंने इसे वापस ले लिया है। क्यों? ’’

ठाकरे ने यह भी पूछा कि कुछ ही कंपनियों को टोल वसूली का ठेका क्यों मिलता रहता है?

ठाकरे की टिप्पणियों के जवाब में फडणवीस ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि राज्य में 31 मई, 2015 को प्रकाशित एक आदेश के माध्यम से 12 टोल बूथ बंद कर दिए गए थे।

बयान में कहा गया, ‘‘राज्य में लोक निर्माण विभाग के 38 टोल बूथ थे, जिनमें से 11 बंद कर दिए गए, वहीं महाराष्ट्र सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के 53 टोल बूथ में से एक को बंद कर दिया गया।’’