आईएमईईसी में वैश्विक समुद्री उद्योग को बदल देने की क्षमता : प्रधानमंत्री मोदी

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारे (आईएमईईसी) में वैश्विक समुद्री उद्योग को बदल देने की क्षमता है और उन्होंने निवेशकों को भारत का भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया ताकि वे इस पहल का हिस्सा बन सकें।

यहां ‘ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन’ (जीआईएमएस) का वीडियो लिंक के जरिये उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि भारत जी-20 की बैठक में आईएमईईसी के लिए ऐतिहासिक सहमति बनाने में समर्थ हो सका।

मोदी ने कहा कि बहुत कम देशों को विकास, जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और मांग का सौभाग्य मिला हुआ है। साथ ही उन्होंने वैश्विक निवेशकों को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा कि यह पहल समृद्धि के लिए उसी तरह उत्प्रेरक का काम करेगी जैसा कुछ शताब्दियों पहले रेशम मार्ग ने किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘गलियारे में वैश्विक समुद्री उद्योग को बदलने की क्षमता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि निवेशकों के लिए यह एक मौका है कि वे भारत के साथ भागीदारी करें और इन प्रयासों (गलियार निर्माण) का हिस्सा बनें।

मोदी ने कहा कि गलियारे में कई विकास पहल शामिल हैं, जिनमें अगली पीढ़ी के विशाल बंदरगाहों का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह, द्वीप विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग और मल्टीमॉडल हब का विस्तार शामिल है।

मोदी ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आईएमईईसी परिवहन को अधिक कुशल बनाकर व्यवसाय की लागत को कम करने, पर्यावरण को होने वाले नुकसान को सीमित करने और बहुत सारी नौकरियां पैदा करने में मदद करेगा। इस सम्मेलन में 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व व्यवस्था बदल रही है और पूरी दुनिया नयी आकांक्षाओं के साथ भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था लगातार तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में मजबूत हो रही है।

उन्होंने कहा कि भारत की आकांक्षा 25 वर्ष में ‘विकसित’ देशों की जमात में शामिल होने की है।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पिछले 9-10 वर्ष में समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इतिहास में जब भी भारत की समुद्री क्षमताएं मजबूत हुई हैं, देश और दुनिया को इससे लाभ पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि पिछले दशक में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है, कंटेनरों के लिए ‘टर्नअराउंड’ समय 2014 में 42 घंटे से घटकर 24 घंटे हो गया है और बेहतर बंदरगाह सम्पर्क के लिए हजारों किलोमीटर तक सड़कें बनाई गई हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘सरकार का दृष्टिकोण ‘समृद्धि के लिए बंदरगाह’ और ‘प्रगति के लिए बंदरगाह’ का है। मंत्र ‘मेक इन इंडिया…मेक फॉर द वर्ल्ड’ है।’’ कोई समयसीमा बताए बिना मोदी ने कहा कि सरकार देश भर के कई केंद्रों में जहाज निर्माण और मरम्मत केंद्र विकसित करेगी।

पांच हजार साल पुराने लोथल गोदी को ‘नौवहन का उद्गम स्थल’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि गुजरात में इस स्थल पर एक राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर भी बनाया जाएगा।