जलवायु का त्वचा पर विशेष प्रभाव पड़ता है। अधिक सर्दी में त्वचा सफेद-सफेद सी हो जाती है और शरीर जगह-जगह से फट सा जाता है। उस स्थान पर खुजली सी भी महसूस होती है, अतः ऐसी स्थिति में ठंड से बचाव आवश्यक है। इसी प्रकार गर्मियों में अधिक गर्मी के दिनों में जब धूप बहुत तेज निकलती है तो शरीर की त्वचा झुलस जाती है और काली पड़ जाती है। अतः गर्मी में तेज धूप से बचाव का ध्यान रखना चाहिए।
अधिक गर्म या ठंडे पानी से नहाने पर सर्दियों में त्वचा शुष्क हो जाती है व जगह-जगह झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसके लिए जरूरी है कि स्नान सामान्य पानी से करें।
प्रायः भीड़-भाड़ या अधिक यातायात से घिरे स्थान पर धुएं की गंदगी शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है। इससे त्वचा का शुष्क होना तो पहला रोग ही होता है। अन्य चर्म रोग भी पीछा करने को तैयार होते हैं।
अतः ऐसे स्थानों पर विशेष सावधानी बरतें।
फैशनपरस्त न बनकर साधारण जीवन जीने की आदत डालें क्योंकि फैशन के लिए प्रयोग किये जाने वाले सौंदर्य प्रसाधन त्वचा को शुष्क बनाते हैं या इनके लगातार प्रयोग से किसी प्रकार की हानि भी हो सकती है।
गांवों व शहरों में कुछ स्त्रियों को धूम्रपान करने की गंदी आदत पड़ जाती है। यह बात सबकी आंखों में तो खटकती ही है, इससे त्वचा पर भी गहरा असर देखने को मिलता है। अतः ऐसे शौकों से दूर रहें।
संतुलित भोजन का त्वचा पर विशेष प्रभाव पड़ता है। अगर शरीर में किसी विटामिन की कमी होती है तो त्वचा पर इसका पहला आक्रमण होता है। अतः शारीरिक सौंदर्य व त्वचा की कोमलता के लिए संतुलित भोजन करना आवश्यक है।
ये ऐसे बिंदु हैं जिन पर सभी स्त्रियां विवेकपूर्ण ढंग से विचार करें तथा साथ में कम खर्च में घरेलू सौंदर्य प्रसाधन बनाकर नित्य प्रयोगों में लायें तो उनका सौंदर्य भी निखरेगा और उनके ब्यूटी पार्लर के चक्कर भी बचेंगे।
20-25 चिरौंजी दाने लेकर उन्हें रात्रि कच्चे दूध में भिगो दें। प्रातः काल उसी में पीसकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 15 मिनट सूखने का इंतजार करें। फिर पानी से धोयें। इससे चेहरे का रंग साफ होगा।
नींबू का रस छानकर गुलाब जल और ग्लिसरीन बराबर यात्रा में लेकर लोशन बनाएं। इस लोशन को शरीर पर नित्य लगाने से त्वचा की शुष्कता समाप्त होगी व कील मुहांसों से भी लाभ होगा।
शहद में ग्लिसरीन मिलाकर शरीर पर लगाने से त्वचा कोमल व चमकीली बनेगी।
एक तोला मलाई लेकर उसमें चौथाई भाग नींबू का रस निचोड़कर मिश्रण को चेहरे पर लगायें। इससे कील मुहांसों में लाभ होगा व चेहरे की त्वचा मुलायम रहेगी।
सर्दियों में मसूर की दाल को दही में भिगोकर पीस लें। फिर इसमें बराबर मात्रा से थोड़ा कम मक्खन मिलाकर त्वचा व चेहरे की मालिश करें। इससे त्वचा कोमल व चमकदार बनेगी।
सर्दियों में शरीर के जिस भाग में खुजली हो, उस जगह नारियल का तेल और ग्लिसरीन मिलाकर लगाने से लाभ होगा।
अच्छी किस्म का बेसन एक चम्मच के हिसाब से लेकर उसमें गुलाब जल व दही मिलाकर पेस्ट बनायें। इसको त्वचा पर प्रयोग करने से त्वचा कोमल होगी।
महीने में चार-पांच बार संतरे का छिलका अलग करके फल को पानी में उबालें। इससे मुंह धोयें। चेहरे पर कांति आयेगी व रंग साफ होगा।
जौ का आटा, नींबू का रस और ग्लिसरीन का मिश्रण शरीर पर लगाने से त्वचा की शुष्कता दूर होगी। त्वचा कोमल और साफ दिखेगी।
सर्दियों में अक्सर पैरों की एड़ियां फट जाती हैं। ऐसी स्थिति में मोम पिघलाकर और उसमें ग्लिसरीन मिलाकर प्रयोग करने से अवश्य लाभ होगा।