संरा सुरक्षा परिषद उचित सुधार के बिना वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अक्षम रहेगी : जी4 देश

संयुक्त राष्ट्र, 13 अगस्त (भाषा) भारत ने जी4 देशों की ओर से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसा कोई भी सुधार जो विशेष रूप से स्थायी श्रेणी में प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने पर ध्यान नहीं देता, वह इसकी संरचना में मौजूदा असंतुलन को और बढ़ाएगा तथा मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने में उसे अक्षम बनाएगा ।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि और प्रभारी आर रवींद्र ने सोमवार को कहा, ‘‘हाल में घटे वैश्विक भूराजनीति घटनाक्रमों ने साफ दर्शाया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा का संरक्षण करने की अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी निभाने में अक्षम है जबकि दुनिया को इसकी सबसे अधिक जरूरत है।’’

वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक उच्चस्तरीय परिचर्चा में जी4 देशों-ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत की ओर से बयान दे रहे थे।

परिचर्चा का विषय था, ‘‘अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाकर रखना: ऐतिहासिक अन्याय पर ध्यान देना और यूएनएससी में अफ्रीका के प्रभावी प्रतिनिधित्व का विस्तार करना’’।

रवींद्र ने अगले महीने होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के सालाना उच्चस्तरीय सत्र से पहले कहा कि 1945 में परिषद की स्थापना के समय जो वास्तविकताएं थीं, उनकी जगह मौजूदा भूराजनीतिक वास्तविकताओं ने ले ली है और हर स्तर पर बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जी4 देशों के लिए यूएनएससी के सही से काम नहीं करने की प्राथमिक वजह अफ्रीका, लातिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों को प्रतिनिधित्व नहीं देना तथा स्थायी श्रेणी में एशिया प्रशांत क्षेत्र को उचित प्रतिनिधित्व नहीं देना हैं।