‘टॉप्स’ योजना के तहत 1,050 खिलाड़ियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण : खेल मंत्री मांडविया
Focus News 8 August 2024नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) युवा मामले और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार वर्तमान में ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम’ (टॉप्स) के तहत चुने गए 1,050 एथलीटों को तैयार कर रही है, और उनके प्रशिक्षण से लेकर साजोसामान और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के लिए सभी खर्च वहन कर रही है।
मांडविया ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार ने जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान करने, उन्हें विकसित करने और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अवसर प्रदान करने के लिए तीन पहल की हैं।
उन्होंने कहा कि ‘खेलो इंडिया’ के तहत, सरकार ने प्रत्येक जिले में एक केंद्र बनाया है। इसके तहत राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर 14 साल से अधिक उम्र के स्कूली और कॉलेज के छात्रों के लिए प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एक ‘कीर्ति कार्यक्रम’ (खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन) है, जो स्कूलों और कॉलेजों से प्रतिभाओं की पहचान करता है।
मांडविया ने कहा, ‘‘वर्तमान में देश में प्रतिभाओं की पहचान की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें एक लाख प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी। इन चयनित खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण, बेहतर कोचिंग और वित्तीय सहायता भी मिलेगी।’’ केंद्र सरकार की ‘टॉप्स’ योजना के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘इसके तहत केवल उच्च प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ही प्रवेश मिलता है।’’ उन्होंने कहा कि जिन खिलाड़ियों का चयन होता है, उनके खर्च का ध्यान सरकार रखती है।
खेल मंत्री ने कहा कि वे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं, और उसके लिए उनकी कोचिंग और प्रशिक्षण का तथा सभी खर्च सरकार उठाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ऐसे 1,050 खिलाड़ियों (टॉप्स के तहत) पर खर्च कर रही है ताकि उनकी प्रतिभा को अवसर मिल सके।’’
उन्होंने कहा कि अगर ‘खेलो इंडिया’ से कोई अच्छा खिलाड़ी निकलता है, तो उसे छात्रावास में रहने की जगह और खेल के सामान मुहैया कराए जाते हैं और उसकी देखरेख की जाती है।
मांडविया राकांपा सदस्य फौजिया खान के पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने हॉकी और अन्य खेलों के जमीनी स्तर पर विकास के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था।
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में खेल मंत्री ने कोडवा परिवार के प्रयासों की सराहना की, जो कर्नाटक के कोडागु जिले में कोडवा हॉकी महोत्सव का आयोजन कर रहा है। उन्होंने सरकार की ओर से भी उनकी मदद करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘वे 1997 से हॉकी प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे हैं और उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। ’’
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा ‘‘कोडवा हॉकी महोत्सव केंद्र सरकार के किसी समर्थन के बिना गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो गया। कोडागु जिले को भारतीय हॉकी का उद्गम स्थल भी माना जाता है और इसने भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 खिलाड़ी दिए हैं और उनमें से सात ओलंपियन हैं।’’
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार इस महत्वपूर्ण स्थान के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सालाना या एकमुश्त अनुदान देने के बारे में सोच रही है, जिसने इतने सारे ओलंपियन दिए हैं?
इसके जवाब में, युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे ने कोडवा हॉकी महोत्सव की उपलब्धियों को स्वीकार किया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार किसी भी टूर्नामेंट के लिए सीधे धन नहीं दे सकती। उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से आना चाहिए। अगर ऐसा प्रस्ताव आता है, तो केंद्र सरकार धन आवंटित कर सकती है।’’
पूर्व खेल मंत्री माकन ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान कुन्नूर में एक उच्च ऊंचाई प्रशिक्षण केंद्र (हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग सेंटर) स्थापित किया गया था। उन्होंने सुझाव दिया कि कोडागु जिले को भी उच्च ऊंचाई केंद्र के रूप में माना जाना चाहिए। इस पर खेल मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस सुझाव पर विचार किया जाएगा।