नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) कांग्रेस वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करने की तैयारी में है।
सरकार बृहस्पतिवार को निचले सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ और ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश करने वाली है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले, कांग्रेस सांसदों की बैठक बुलाई जिसमें कई विषयों के साथ ही वक्फ विधेयक को लेकर भी चर्चा की गई।
कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल और हिबी ईडेन ने लोकसभा में विधेयक पेश किए जाने का विरोध करने के लिए नियम 72 के तहत एक नोटिस दिया।
सूत्रों ने बताया कि ईडन ने अपने नोटिस में कहा है कि वह विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हैं क्योंकि यह ‘‘असंवैधानिक’’ है।
ईडेन का कहना है कि यह विधेयक संपत्ति के अधिकार (अनुच्छेद 300 ए) के विपरीत है।
उन्होंने तर्क दिया कि पर्याप्त कानूनी सुरक्षा उपायों के बिना यह विधेयक व्यक्तियों और धार्मिक संस्थानों के संपत्ति संबंधी अधिकारों का उल्लंघन करता है।
सूत्रों ने कहा कि ईडेन ने यह भी तर्क दिया कि यह विधेयक अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह राज्यों की शक्तियों पर अतिक्रमण है।
वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है।
मंगलवार रात लोकसभा सदस्यों के बीच इस विधेयक की प्रतियां वितरित की गईं।
विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं।
यह संशोधन विधेयक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं तथा गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।