राजस्थान: कांग्रेस विधायक भाकर छह माह के लिए विस से निलंबित, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
Focus News 6 August 2024जयपुर, छह अगस्त (भाषा) राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष से अभद्र व्यवहार करने के मामले में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को मंगलवार को छह माह के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने यह घोषणा की।
इसके साथ ही देवनानी ने विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
एक दिन पहले सोमवार को ही भाकर को सदन के मौजूदा सत्र की बाकी बैठकों से निलंबित किया गया था। हालांकि, वह निलंबन के बाद से ही सदन में मौजूद थे।
भाकर के निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को भी सदन में नारेबाजी और हंगामा जारी रखा। उनके हंगामे के बीच मुख्य सचेतक गर्ग ने प्रस्ताव रखा, ‘‘कल से सदन में जो गतिरोध बना है उसके लिए प्रतिपक्ष की हठधर्मिता जिम्मेदार है। कल सदन की कार्यवाही के दौरान एक सदस्य भाकर द्वारा अशोभनीय व्यवहार किया गया। आसन को चुनौती दी गई। आसन को निर्देश देने का प्रयास किया गया। उनकी अभद्रता के कारण आसन ने निर्णय किया कि वे सदस्य सदन से बाहर चले जाएं। वे नहीं गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि कल सोमवार को जब उस सदस्य को बलपूर्वक बाहर ले जाने का प्रयास किया जा रहा था तो उसने दो प्रहरियों को काटा, जिसमें एक महिला भी है। उन्होंने एक महिला का हाथ पर काटा।’’
मुख्य सचेतक ने कहा, “ऐसा अभद्र व्यवहार करने वाले सदस्य को इस सदन का सदस्य रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए इनके व्यवहार से दुखी होकर मैं प्रस्ताव करता हूं कि सदस्य मुकेश भाकर को छह माह के लिए निलंबित किया जाए।’’
इस पर अध्यक्ष देवनानी ने कहा, ‘‘मुकेश भाकर को छह माह के लिए निलंबित किया जाता है।’’ इसके बाद उन्होंने राष्ट्रगान करवाने की घोषणा की। राष्ट्रगान होते ही देवनानी ने ‘‘सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।’’
इससे पहले आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग के मुद्दों पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक गोपाल शर्मा ने अचानक कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ तब राहुल गांधी गुरुग्राम में पार्टी कर रहे थे।’’
उन्होंने कहा कि यह सब अखबारों में छपा है। इस पर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति जताई और नारेबाजी करते हुए आसन के निकट आ गए।
बाद में, सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब से राज्य में भाजपा सरकार आई है तब से काले अध्याय बनते जुड़ते जा रहे हैं आज फिर एक काला अध्याय जुड़ा है। विपक्ष को सुना ही नहीं गया वे क्यों संविधान की दुहाई देते हैं? विपक्ष को सुनना नहीं चाहते, एकतरफा कार्रवाई करनी है, तो करिए।’’
जूली ने अध्यक्ष के इस फैसले की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘प्रदेश में भाजपा की सरकार लगातार संविधान एवं लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाने में लगातार लगी हुई है। विधायक भाकर का छह माह के लिए विधानसभा से किया गया। यह पूर्णतः असंवैधानिक और गैर जरूरी दिखाई देता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों-पानी, बिजली, कानून-व्यवस्था तथा महिला सुरक्षा जैसे विषयों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, जबकि सरकार इसके विपरीत चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर बदले की भावना से कार्यवाही करने के साथ-साथ संवैधानिक सिद्धांतों का अपमान कर रही है।’’
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘भाजपा सरकारों का तानाशाह पूर्ण रवैया केंद्र के बाद अब राज्यों में लोकतांत्रिक व्यवस्था तथा संवैधानिक मूल्यों को ध्वस्त करने में लगा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस विधायक भाकर को छह माह के लिए निलंबित करना संसदीय परंपराओं का हनन और अलोकतांत्रिक कदम है।’’
विधानसभा में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्य सचेतक गर्ग ने कहा, ‘‘निलंबित सदस्य आज भी सदन में मौजूद रहे और उन्होंने आसन के निर्देशों का पालन नहीं किया। आज भी सदन में वह अपने व्यवहार से ‘उकसा’ रहे थे और उनके हाव-भाव से लग रहा था कि उन्हें सदन के किसी फैसले की परवाह नहीं है। इसलिए उन्हें छह माह के लिए निलंबित करने का फैसला लिया गया।’’
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकारी वकीलों की नियुक्ति नियमों के तहत की गई है।
पटेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब तक हमने 12 जिलों में चार लोक अभियोजक, 31 अतिरिक्त लोक अभियोजक तथा नौ विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किए हैं तथा सभी नियुक्तियां नियमों के अनुसार की गई हैं।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से समय-समय पर निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी कानून के तहत जो भी प्रक्रिया शुरू की गई है, उसका निपटान उसी कानून के तहत किया जाएगा, भले ही भविष्य में उसे निरस्त कर दिया जाए या कोई नया कानून लागू हो जाए।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जूली द्वारा उठाई गई आपत्ति पूरी तरह से ‘‘निराधार तथा तथ्यों से परे है।’’
सदन में मौजूदा गतिरोध सोमवार को उस समय शुरू हुआ जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने देश में भारतीय न्याय संहिता लागू हो जाने के बावजूद राजस्थान सरकार द्वारा कई सरकारी वकीलों की नियुक्ति भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत किए जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब दिलाने की मांग की।
इसको लेकर जूली और विधानसभा अध्यक्ष देवनानी में नोकझोंक हो गई। कांग्रेस के विधायक नारेबाजी और हंगामा करने लगे। इसी दौरान देवनानी ने विधायक भाकर के व्यवहार को ‘‘अभद्र’’ बताते हुए नाराजगी जताई और मुख्य सचेतक गर्ग के प्रस्ताव पर उन्हें मौजूदा सत्र की बाकी बैठकों से निलंबित करने की घोषणा की।
बाद में जब सदन दोबारा बैठा तो सभापति संदीप शर्मा ने निलंबित किए गए कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को सदन से बाहर जाने को कहा जिसके बाद मार्शल और कांग्रेस के विधायकों के बीच तनातनी और धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
कांग्रेस की महिला विधायकों ने आरोप लगाया था कि मार्शल ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद पार्टी विधायक धरने पर बैठ गए। कांग्रेस के लगभग 50 विधायक रात में भी सदन में ही बैठे रहे।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने धरने की तस्वीर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘रात्रि विश्राम और धरना, राजस्थान विधानसभा, जयपुर।’’
मंगलवार सुबह 11 बजे सदन के बैठते ही कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों से अपनी सीट पर जाने और निलंबित विधायक मुकेश भाकर से बाहर भेजने की अपील की। उन्होंने कहा कि वे प्रश्नकाल के बाद उनकी बात सुनेंगे।
कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी और हंगामे के बीच प्रश्नकाल जारी रहा। बीच में कांग्रेस की विधायक रमीला खड़िया की तबीयत खराब हो गई तो देवनानी ने कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। खड़िया को बेचैनी महसूस हुई और विधानसभा में चिकित्सको द्वारा उनकी जांच की गई।
आधे घंटे बाद सदन बैठा और शून्यकाल तथा बाद के विधायी काम निपटाए गए। हालांकि, बाद में कांग्रेस विधायकों के नारेबाजी और हंगामे के बीच मुख्य सचेतक गर्ग के प्रस्ताव पर अध्यक्ष देवनानी ने विधायक भाकर को छह माह के लिए निलंबित करने की घोषणा की।
राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा का यह दूसरा सत्र था जो तीन जुलाई से शुरू हुआ। इस दौरान वित्त वर्ष 2024-25 के लिए परिवर्तित बजट भी पारित किया गया।