नयी दिल्ली, सरकार ने सोमवार को कहा कि शून्य प्रदूषण गतिशीलता को लेकर 2021 में शुरू ‘शून्य’ अभियान से प्रदूषण कम करने और 597 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत करने में मदद मिली है।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए, केंद्रीय योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इस पहल में और अधिक इलेक्ट्रिक वाहन लाने का प्रयास किया जाएगा, क्योंकि वर्तमान में इसमें केवल ‘डिलीवरी सिस्टम’ और ‘राइड-हेलिंग’ शामिल है।
राइड-हेलिंग का मतलब है किसी गंतव्य तक जाने के लिए वाहन को ऑनलाइन बुक करना, जो आमतौर पर ऐप के ज़रिए होता है।
सिंह ने सदन को सूचित किया कि 200 से अधिक कॉर्पोरेट भागीदारों ने इस पहल में सहयोग किया है और अप्रैल 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहनों से लगभग 57.4 करोड़ यात्रा की है।
मंत्री ने कहा, ‘‘इससे पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण में लगभग 11.5 टन, नाइट्रोजन ऑक्साइड प्रदूषण में लगभग 408 टन, कार्बन डाइऑक्साइड प्रदूषण में लगभग 61,000 टन की कमी आई है। यह लगभग 597 करोड़ रुपये की ईंधन बचत और लगभग 10.1 लाख पेड़ लगाने के बराबर है।
उनसे पूछा गया कि क्या अभियान को और अधिक वाहनों, विशेषकर सार्वजनिक परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों तक विस्तारित किया जाएगा ? इस पर मंत्री ने कहा ‘‘समय बीतने के साथ हम इसका विस्तार करेंगे।’’
‘शून्य प्रदूषण गतिशीलता अभियान’ 15 सितंबर, 2021 को शुरू किया गया था। यह भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पारिस्थितिकी तंत्र में काम करने वाली अग्रणी कंपनियों के साथ साझेदारी में नीति आयोग द्वारा संचालित एक अखिल भारतीय उपभोक्ता जागरूकता अभियान है।
योजना मंत्रालय ने शून्य अभियान के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘इस अभियान के लिए कोई सरकारी वित्त पोषण नहीं किया गया है। अभियान का वित्त पोषण अब तक उद्योग पहल है। अब तक 200 से अधिक कॉर्पोरेट भागीदारों (घरेलू और वैश्विक) ने इस पहल में सहयोग किया है।’’