नयी दिल्ली, कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने लाखों युवाओं के भविष्य को महज ‘‘राजस्व बढ़ाने की कवायद’’ तक सीमित कर दिया है। पार्टी ने दावा किया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने पिछले छह साल में 448 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 31 जुलाई को राज्यसभा में एनटीए से संबंधित एक प्रश्न पर शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार के जवाब को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया।
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘एनटीए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) घोटाले के केंद्र में है। यह शिक्षा मंत्रालय का एक निकाय है जिसका एकमात्र उद्देश्य निजी‘वेंडर्स’ को ‘आउटसोर्सिंग’ के जरिये काम पर रखकर कार्य करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ न केवल इन ‘वेंडर्स’ की साख अक्सर संदेह के घेरे में होती है, बल्कि खुद एनटीए की कमान एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में है जो जब मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष थे तब वहां बड़े घोटाले सामने आए थे।’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि राज्यसभा में एक जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने खुलासा किया है कि एनटीए ने अनुमानित रूप से 3,512.98 करोड़ रुपये एकत्र किए, जबकि उसने परीक्षाओं के संचालन पर 3,064.77 करोड़ रुपये खर्च किए ‘‘इसलिए उसे पिछले छह वर्षों में 448 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है।’’
उन्होंने कहा,‘‘लेकिन इस कोष का इस्तेमाल एजेंसी की खुद परीक्षा कराने की क्षमता विकसित करने या इसके ‘वेंडर्स’ के लिए नियामक और निगरानी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए नहीं किया गया।’’
उन्होंने कहा,‘‘ भारत के लाखों युवाओं का भविष्य अंततः नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की सरकार के लिए केवल राजस्व जुटाने की कवायद बनकर रह गया है।’’