नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत में पशुओं के लिए चारे की आपूर्ति का संकट है।
सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ‘‘देश में चारे की कमी है। आईसीएआर-भारतीय चरागाह और चारा अनुसंधान संस्थान (आईजीएफआरआई) झांसी ने अनुमान लगाया है कि देश में हरे और सूखे चारे की क्रमशः 11.24-32 प्रतिशत और 23 प्रतिशत की कमी है।’’
उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार पशु चारे की कमी से अवगत है?
सिंह ने बताया कि पशुपालन और डेयरी विभाग 2014-15 से चारा और चारा विकास पर एक उप मिशन के साथ केंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय पशुधन मिशन को लागू करके राज्य सरकारों द्वारा किए गए प्रयासों को मदद दे रहा है।
उन्होंने बताया कि भारतीय चरागाह और चारा अनुसंधान संस्थान (आईजीएफआरआई झांसी-आईसीएआर) ने 25 राज्यों के लिए चारा संसाधन विकास योजना तैयार की है, ताकि राज्यों में उनके फसल पद्धति और पशुधन प्रजातियों के आधार पर चारे की उपलब्धता बढ़ाई जा सके।
एक अलग प्रश्न के उत्तर में, सिंह ने कहा कि देश में दूध का उत्पादन 2018-19 में 18.77 करोड़ टन से बढ़कर 2022-23 में 23.06 करोड़ टन हो गया है।
उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश हैं। उन्होंने कहा ‘‘ये राज्य मिलकर देश के कुल दूध उत्पादन में 53.08 फीसदी का योगदान करते हैं।’’
सिंह ने कहा कि भारत दूध उत्पादन में पहले स्थान पर है और वैश्विक दूध उत्पादन में 25 प्रतिशत का योगदान देता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले 9 वर्षों में दूध उत्पादन लगभग 6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है और प्रति व्यक्ति उपलब्धता 459 ग्राम प्रति दिन है । हम घरेलू मांग को पूरा करने में आत्मनिर्भर हैं।’’