मनु ने दूसरा पदक जीतकर रचा इतिहास , सरबजोत के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य

शेटराउ,  आत्मविश्वास से भरी मनु भाकर ने स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया जिन्होंने सरबजोत सिंह के साथ पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में दक्षिण कोरिया को हराकर कांस्य पदक जीता ।

भारतीय जोड़ी ने कोरिया के ली वोन्हो और ओ ये जिन को 16 . 10 से हराकर देश को इस ओलंपिक में दूसरा पदक दिलाया । इससे पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था । तोक्यो ओलंपिक में मनु पिस्टल में खराबी आने के कारण फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सकी थी लेकिन यहां दो पदक जीतकर उन्होंने हर जख्म पर मरहम लगा दिया ।

ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे लेकिन वह उपलब्धि आजादी से पहले की थी ।

मनु को अभी 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी उतरना है और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है । सरबजोत 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत वर्ग में क्वालीफिकेशन में 577 के स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे थे और फाइनल में जगह नहीं बना सके थे ।

मनु और सरबजोत ने क्वालीफिकेशन दौर में 580 स्कोर करके कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई थी ।

मनु ने जीत के बाद कहा ,‘‘ मैं बहुत ही गर्व महसूस कर रही हूं । सभी को शुभकामनाओं के लिये धन्यवाद ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हम विरोधी टीम के प्रदर्शन पर नियंत्रण नहीं कर सकते लेकिन अपना प्रदर्शन तो अपने साथ में है । मैने और मेरे जोड़ीदार ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा ।’’

तोक्यो में मनु और सौरभ चौधरी इस स्पर्धा के फाइनल में क्वालीफाई नहीं कर सके थे और सातवें स्थान पर रहे थे ।

अंबाला के निशानेबाज सरबजोत पर व्यक्तिगत वर्ग में नाकाम रहने के बाद अच्छे प्रदर्शन का काफी दबाव था ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे अच्छा लग रहा है । मुकाबला काफी कठिन था और काफी दबाव था ।’’

भारत की शुरूआत खराब रही जब सरबजोत का पहला शॉट 8 . 6 रहा लेकिन मनु ने 10 . 2 बनाया । कोरियाई जोड़ी ने कुल 20 . 5 स्कोर करके 2 . 0 की बढत बना ली ।

मिश्रित टीम वर्ग में पहले 16 अंक तक पहुंचने वाली टीम विजयी रहती है ।

पहला सेट हारने के बाद मनु ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए सिर्फ तीन बार 10 से कम स्कोर किया । इसके बाद से कोरियाई टीम के लिये वापसी करना मुश्किल हो गया था ।

मनु ने कहा ,‘‘ हम हड़बड़ी नहीं करना चाहते थे । इत्मीनान से सांस लेना जरूरी था । निशानेबाजी ऐसा खेल है जिसमें यह बहुत जरूरी है क्योंकि दिल तेजी से धड़कता है । हम हिल नहीं सकते । एक ही जगह खड़े रहते हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हम सब कुछ पर नियंत्रण नहीं रख सकते । मैं सिर्फ अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर फोकस कर रही थी । हर शॉट में यही कोशिश की ।’’

सरबजोत ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत वर्ग में मिली नाकामी को भुलाकर खेलने की पूरी कोशिश की । उन्होंने कहा ,‘‘ यह मेरे दिमाग में था कि पिछले शॉट को भुलाकर अगले शॉट पर फोकस करना है ।मैं बता नहीं सकता कि भारत को दूसरा पदक जीतते देखकर कैसा लग रहा है ।’’

मनु अब दो अगस्त को 25 मीटर महिला पिस्टल क्वालीफिकेशन के लिय उतरेंगी । उन्होंने 2023 विश्व चैम्पियनशिप और 2022 हांगझोउ एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था ।बाईस वर्ष की मनु नौ विश्व कप स्वर्ण पदक भी जीत चुकी है । वहीं सरबजोत भी विश्व चैम्पियनशिप, विश्व कप और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता है ।