वायनाड में राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी: सरकार

नयी दिल्ली, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि केरल के पर्वतीय वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन के बाद राज्य सरकार के साथ समन्वय कर राहत व बचाव अभियान चलाया जा रहा है तथा इसमें सेना एवं वायु सेना से लेकर सभी सुरक्षा व सहायता एजेंसियों की मदद ली जा रही है।

केरल में हुई इस आपदा को लेकर राज्यसभा में सभी दलों की ओर से चिंता प्रकट किए जाने के बाद उच्च सदन के नेता व केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि वहां स्थिति सामान्य करने के लिए केंद्र सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ी त्रासदी है और इससे केवल केरल ही नहीं बल्कि पूरा देश द्रवित है। सभी दुखी हैं। यह एक प्राकृतिक आपदा है। प्रधानमंत्री, सक्रियता के साथ हर आवश्यक कदम उठा रहे हैं। जो भी आवश्यक है किया जा रहा है। जो भी जरूरतें होंगी, सब पूरी की जाएंगी।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से बात की है, केंद्रीय एजेंसियों को लगाया गया है और राज्य सरकार के साथ समन्वय के साथ काम किया जा रहा है।

नड्डा ने कहा कि प्राथमिकता लोगों के शवों को निकालना है और जिनके बचने की संभावना है, उन्हें तुरंत बचाने का प्रयास करना है।

उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सक्रिय किया गया है और पूरी सरकार इसमें अति सक्रिय होकर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि यदि कोई सुझाव भी होंगे तो सरकार उन पर अमल करेगी।

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), केंद्रीय बलों, सेना और यहां तक की वायु सेना को भी बचाव व राहत अभियान में लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान फिलहाल बचाव व राहत पर है और फिर उसके बाद पुनर्वास सहित अन्य मोर्चों पर लगा जाएगा।

वायनाड जिले में मंगलवार तड़के कई जगहों पर हुईं भूस्खलन की घटनाओं में 45 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं और सैकड़ों अन्य लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है।

सदन की कार्यवाही आरंभ होने और सूचीबद्ध दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के तुरंत बाद विपक्षी सदस्य खड़े होकर इस मुद्दे को उठाने की मांग करने लगे।

इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सूचीबद्ध कार्य को निलंबित करने की मांग करने वाले कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए नियम 267 के तहत नोटिस को खारिज करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं, प्रधानमंत्री पहले ही मुख्यमंत्री से बात कर चुके हैं और कुछ अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है।

लेकिन विपक्षी सदस्य अपनी चिंताओं और मांगों को सदन में उठाने की मांग करते रहे। सभापति ने कहा, ‘‘हर सदस्य चिंतित है। हमारा देश एक है।’’

चर्चा की मांग कर रहे कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य जब अपनी जगह पर खड़े हुए तो सभापति ने पूछा, ‘‘आप क्या चर्चा करेंगे?’’

उन्होंने सांसदों से कहा, ‘‘फिलहाल आप केवल चिंता व्यक्त करना चाहते हैं?’’

उन्होंने कहा कि कार्यवाही शुरू होने से पहले चार सांसद सदन में केरल त्रासदी को उठाने के लिए समय मांगने उनके पास आए थे।

सांसदों को मुद्दा उठाने से रोकते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस समय जो किया जा सकता है वह यह है कि हम एकजुटता व्यक्त कर सकते हैं।’’

विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देर रात करीब ढाई बजे हुआ भूस्खलन ‘बहुत दुखद’ है और एजेंसियां राहत और बचाव प्रयासों में मिलकर काम कर रही हैं।

खरगे चाहते थे कि क्षेत्र से आने वाले सदस्यों को इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी जाए।

सांसदों के जोर देने पर धनखड़ ने त्रासदी पर संक्षेप में बोलने की अनुमति दी।

वायनाड में हुए इस प्राकृतिक हादसे पर राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं ने चिंता जताई और सरकार से केरल को जल्द से जल्द आर्थिक और अन्य सहायता मुहैया कराए जाने की मांग की।

केरल से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य जॉन ब्रिटास ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है क्योंकि कई गांव भूस्खलन की चपेट में आए हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वायनाड में मौजूद हैं और बचाव व राहत कार्यों की स्वयं निगरानी कर रहे हैं।

ब्रिटास ने कहा कि मौजूदा समय में केरल को केंद्र सरकार की हर तरीके से मदद की जरूरत है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार ने वायनाड के हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल वहाब ने कहा कि केरल सरकार के पास कोष की बहुत कमी है इसलिए उसे तत्काल वित्तीय मदद मुहैया कराने की आवश्यकता है।

कांग्रेस की जे बी माथेर हिशाम ने कहा कि प्रभावितों की संख्या बहुत बड़ी हो सकती है इसलिए सरकार को इसे तत्काल राष्ट्रीय आपदा घोषित कर हरसंभव कदम उठाने चाहिए।

माकपा के ए ए रहीम ने तलाश व राहत अभियान में तेजी लाकर अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाने का अनुरोध किया और कहा कि यह समय केरल को मदद करने का है।

केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि ने कहा कि 500 से अधिक लोग अभी भी फंसे हुए हैं। उन्होंने राहत व बचाव अभियान में तेजी लाने और राज्य सरकार को हरसंभव मदद मुहैया कराने की मांग की।