मैसूर, 29 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन के संबंध में तमिलनाडु के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन पड़ोसी राज्य आगे नहीं आ रहा है, जबकि इससे उन्हें (तमिलनाडु को) कोई समस्या नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि केंद्र आवश्यक अनुमति दे तो राज्य इस परियोजना को लागू करने के लिए तैयार है।
सिद्धरमैया ने उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, कई मंत्रियों और अधिकारियों के साथ आज मांड्या जिले के श्रीरंगपटना तालुक में कृष्णराज सागर (केआरएस) बांध पर कावेरी नदी को ‘बगीना’ (पारंपरिक धन्यवाद) अर्पित किया।
राज्य में बांधों के अधिकतम क्षमता तक भर जाने पर नदियों को ‘बगीना’ अर्पित करने की प्रथा है।
सिद्धरमैया ने कहा, “हम चर्चा के लिए तैयार हैं। मेकेदातु के कारण उन्हें (तमिलनाडु को) कोई समस्या नहीं होने के बावजूद वह चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं। अगर केंद्र सरकार अनुमति देती है तो हम मेकेदातु जलाशय का निर्माण करने के लिए तैयार हैं।”
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह तमिलनाडु या केंद्र के साथ किसी ठोस कार्यक्रम के लिए चर्चा करेंगे, क्योंकि बहुत अधिक पानी समुद्र में बह रहा है और तमिलनाडु में मेट्टूर बांध के कुछ दिनों में भर जाने की उम्मीद है।
शिवकुमार ने हाल ही में तमिलनाडु सरकार से मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन में सहयोग करने की भावुक अपील की थी और कहा था कि यह पड़ोसी राज्य के लिए अधिक फायदेमंद होगा। वह राज्य के जल संसाधन मंत्री भी हैं।
मेकेदातु कर्नाटक द्वारा प्रस्तावित एक बहुउद्देश्यीय (पेयजल और बिजली) परियोजना है, जिसमें रामनगर जिले (जिसे अब बेंगलुरु दक्षिण जिला नाम दिया गया है) में कनकपुरा के निकट एक जलाशय का निर्माण शामिल है।
तमिलनाडु इस परियोजना का विरोध कर रहा है तथा आशंका जता रहा है कि यदि यह परियोजना मूर्त रूप लेगी तो इससे राज्य प्रभावित होगा।