लखनऊ, 28 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य के पीलीभीत जिले में संचालित ‘बाघ मित्र’ कार्यक्रम की सराहना निश्चित रूप से सभी ‘बाघ मित्रों’ में नया उत्साह और ऊर्जा का संचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर की गयी टिप्पणी में कहा, “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जनपद पीलीभीत में संचालित ‘बाघ मित्र कार्यक्रम’ का विशेष उल्लेख किया है। इस कार्यक्रम में उनके द्वारा ‘बाघ मित्र कार्यक्रम’ पहल की सराहना निश्चित रूप से सभी बाघ मित्रों में नवीन उत्साह और ऊर्जा का संचार करेगी। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”
‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में संचालित ‘बाघ मित्र कार्यक्रम’ भी चर्चा का विषय बना हुआ है तथा इसके तहत स्थानीय लोगों को ‘बाघ मित्र’ के तौर पर काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि ये ‘बाघ मित्र’ इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि बाघों और इंसानों के बीच टकराव की स्थिति ना बने। देश के कई हिस्सों में इस तरह के प्रयास जारी हैं।
‘बाघ मित्र कार्यक्रम’ पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 2019 में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को काफी कम करना है।
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अक्टूबर 2023 में पीलीभीत में ‘बाघ मित्र ऐप’ जारी किया था।
इसमें कहा गया है कि ‘बाघ मित्र’ नेटवर्क में कई युवा, बुजुर्ग और चार महिलाओं सहित 120 से अधिक व्यक्ति शामिल हैं तथा वे बाघों या अन्य वन्यजीवों के देखे जाने की सूचना देने के लिए एक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ का इस्तेमाल करते हैं, जिससे वन विभाग तुरंत प्रतिक्रिया दे सकता है और जानवरों के स्थानों को ट्रैक करके जन सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।
पीलीभीत बाघ अभयारण्य के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) मनीष सिंह ने कहा, “पीलीभीत में मानव-वन्यजीव संघर्ष की अक्सर घटनाएं होती रहती थीं। इस मुद्दे को हल करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 2019 में ‘बाघ मित्र’ कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य इन संघर्षों को प्रभावी ढंग से कम करना था।”
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम काफी सफल रहा है और अक्टूबर 2023 में मुख्यमंत्री ने पीलीभीत की अपनी यात्रा के दौरान ‘बाघ मित्र’ ऐप जारी किया।
सिंह ने बताया कि दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में पाए जाते हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश का अहम योगदान है।
बयान में कहा गया है कि 2022 में पीलीभीत में की गई बाघों की गणना से पता चला है कि आठ वर्षों में बाघों की आबादी तीन गुना हो गई है और अब रिजर्व में 72 बाघ रह रहे हैं।