नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें विकसित भारत से जुड़े दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा होगी। शुक्रवार को आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं।
बयान के अनुसार, बैठक का उद्देश्य केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
बयान में कहा गया, ‘‘ शनिवार 27 जुलाई 2024 को होने वाली शासी परिषद की बैठक में ‘विकसित भारत @2047’ पर ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ के लिए अवधारणा पत्र पर चर्चा की जाएगी…बैठक में विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को हासिल करने में राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होगा।’’
बैठक में पिछले वर्ष दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा।
सम्मेलन के दौरान पांच प्रमुख विषयों पेयजल: पहुंच, मात्रा तथा गुणवत्ता; बिजली: गुणवत्ता, दक्षता तथा विश्वसनीयता; स्वास्थ्य: पहुंच, सामर्थ्य तथा देखभाल की गुणवत्ता; स्कूली शिक्षा: पहुंच तथा गुणवत्ता तथा भूमि और संपत्ति: पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण तथा उत्परिवर्तन पर सिफारिशें की गईं थीं।
भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ तैयार किया जा रहा है।
नीति आयोग को 2023 में 10 क्षेत्रीय विषयगत दृष्टिकोणों को समेकित कर ‘विकसित भारत एट 2047’ के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण तैयार करने का कार्य सौंपा गया था।
इस बीच, कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों कर्नाटक के सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि वे केंद्रीय बजट में अपने राज्यों के प्रति कथित पक्षपात के कारण नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी नीत पंजाब और दिल्ली सरकारों ने भी बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली आने वाली थीं लेकिन उन्होंने अपनी योजना रद्द कर दी। यह स्पष्ट नहीं है कि वह शनिवार को बैठक में हिस्सा लेंगी या नहीं।
बीजू जनता दल (बीजद) सांसद सस्मित पात्रा ने विपक्षी दलों द्वारा लिए गए निर्णय का समर्थन किया है और केंद्र पर राज्यों को बजट में उनका हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के हितों का ध्यान रखते हुए फैसला करेगी। जेएमएम विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है।