नयी दिल्ली, शिवसेना (यूबीटी) ने बृहस्पतिवार को सरकार से आग्रह किया कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया जाए।
पार्टी सांसद अरविंद सावंत ने केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान यह मांग उठाई।
उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र से कंपनियों को गुजरात ले जाया रहा है।
लोकसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए सावंत ने सवाल किया कि अगर ऐसा होता है तो महाराष्ट्र के नौजवानों को नौकरी कैसे मिलेगी?
उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग की चयन प्रक्रिया की जांच होनी चाहिए क्योंकि ज्यादातर चयनित लोगों का संबंधित सिर्फ दो राज्यों से है।
उन्होंने कहा, ‘‘मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देना चाहिए और मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की जाए।’’
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने कहा कि इस बजट में बिहार के साथ न्याय किया गया है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में 15 साल के ‘जंगलराज’ से जो नुकसान हुआ, राज्य ने उसकी भारी कीमत चुकाई है।
बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने आरोप लगाया कि बजट में राजस्थान की अनदेखी की गई है।
समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने आरोप लगाया कि सरकार की इंटर्नशिप योजना ‘अग्निपथ’ योजना से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि नौजवानों को एक साल की इंटर्नशिप के बाद फिर से सड़क पर छोड़ दिया जाएगा।