राष्ट्रपति मुर्मू शिक्षिका की भूमिका में आईं नजर: बच्चों से ग्लोबल वार्मिंग रोकने पर किया संवाद

नयी दिल्ली,  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर कार्य करते हुए दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। इस अवसर वह शिक्षिका की भूमिका में नजर आईं और विद्यार्थियों से ग्लोबल वार्मिंग और इसे रोकने के तरीकों पर संवाद किया।

राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए उन्होंने जल संरक्षण पर जोर दिया और उन्हें अधिक पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सके।

कक्षा के 53 विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मैं पिछले कई दिनों से सोच रही थी कि आपसे बात करूं क्योंकि आजकल के बच्चे बहुत प्रतिभाशाली हैं। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।’’

संवाद की शुरुआत में राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से उनकी अभिलाषा और पसंदीदा विषयों के बारे में पूछा तथा यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि विद्यार्थी वैज्ञानिक और डॉक्टर बनने को इच्छुक हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में वैज्ञानिक, जनता, प्रशासक और शासक बहुत बड़ी समस्या पर संगोष्ठी, सम्मेलन और सभा कर रहे हैं; क्या आप जानते हैं वह समस्या क्या है? इस पर तुरंत विद्यार्थियों ने जवाब दिया, ‘‘ जलवायु परिवर्तन’, ‘ग्लोबल वार्मिंग’ और ‘पर्यावरण प्रदूषण’।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने स्कूल में पढ़ा था कि छह ऋतुएं होती हैं लेकिन हम ‘‘केवल चार महसूस’ करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन चारों में से सबसे ज्यादा गर्मी का एहसास हमें ग्लोबल वार्मिंग की वजह से होता है। दिन-ब-दिन तापमान बढ़ता जा रहा है और इसका असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं बल्कि जानवरों, पक्षियों और पेड़ों पर भी पड़ रहा है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से देश के कई हिस्से सूखे की मार झेल रहे हैं, इसलिए जल संरक्षण की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘बच्चे यह भी जानते हैं कि पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और हमें और पेड़ लगाने चाहिए। हमें पानी की बर्बादी को रोकने और उसके संरक्षण के लिए कदम उठाना चाहिए। हमें वर्षाजल को जमा करना चाहिए।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि जरूरत से अधिक पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि और अधिक पेड़ लगाने, जंगलों को बचाने और वायु प्रदूषण कम करने की जरूरत है तभी हम भविष्य मे ‘इसे (ग्लोबल वार्मिंग) रोकने में सक्षम होंगे।

राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों से अपने जन्मदिन पर भी पेड़ लगाने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में आपके साथ संवाद कर खुशी हो रही है। मुझे आपसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। आप नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं और बहुत ही प्रतिभाशाली हैं। आप ग्लोबल वार्मिंग के असर के बारे में सचेत हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि जब आप बड़े होंगे तब ग्लोबल वार्मिंग निश्चित तौर पर कम होगी।

ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था। उन्होंने 25 जुलाई 2022 को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली।

देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने से पहले मुर्मू 2015 से 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर भी आसीन थीं।