लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक, कार्यवाही दो बार स्थगित

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नयी दिल्ली,  लोकसभा में बृहस्पतिवार को केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर तीखी नोकझोंक के बाद सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

सबसे पहले केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बीच तीखी नोकझोंक हुई और बाद में सत्तापक्ष के सदस्यों एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच कहासुनी देखने को मिली।

सदन में केंद्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा के दौरान जालंधर से कांग्रेस के सांसद और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी अपनी बात रख रहे थे।

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि ये देश के हवाई अड्डे समेत सबकुछ बेच रहे हैं। चन्नी ने कहा, ‘‘आप (सरकार) देश की संपत्तियों के संरक्षक हैं, मालिक नहीं हैं। इन्हें बेचने की और देश को बर्बाद करने की गलती मत कीजिए।’’

कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से करते हुए आरोप लगाया, ‘‘इनमें (सत्तापक्ष) और अंग्रेजों में कोई फर्क नहीं है, सिर्फ रंग का फर्क है। पहले ये सत्ता में काबिज हुए और फिर सत्ता के रास्ते ये देश के उद्योगों पर अपने लोगों का कब्जा करा रहे हैं।’’

इस पर रेल राज्य मंत्री और पूर्व कांग्रेस सदस्य बिट्टू ने कुछ टिप्पणी की। जवाब में चन्नी ने उनका नाम लेते हुए कहा, ‘‘आपके पिताजी शहीद हुए थे। लेकिन मैं आपको बता दूं कि वह उस दिन मरे, जिस दिन आपने कांग्रेस को छोड़ा।’’

इस पर पीठासीन सभापति संध्या राय ने कांग्रेस सदस्य से व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करने को कहा।

बिट्टू ने कहा, ‘‘इन्होंने (चन्नी ने) मेरा नाम लिया। मेरे दादा सरदार बेअंत सिंह ने कुर्बानी देश के लिए दी थी, कांग्रेस के लिए नहीं दी थी।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘चन्नी अपने भाषण में गरीबी की बात कर रहे हैं, लेकिन सारे पंजाब में अगर ये सबसे अमीर और सबसे भ्रष्ट आदमी नहीं हुए तो मैं अपना नाम बदल दूंगा।’’

बिट्टू ने आरोप लगाया कि चन्नी हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं और उन पर ‘मी टू’ समेत अनेक आरोप हैं।

इस पर दोनों पक्षों के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी।

हंगामे के कारण पीठासीन सभापति ने कार्यवाही अपराह्न एक बजकर करीब 25 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सदन में भोजनावकाश नहीं होने की घोषणा की थी।

एक बार के स्थगन के बाद जब कार्यवाही अपराह्न दो बजे आरंभ हुई तो रक्षा मंत्री और सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों तरफ के सदस्यों के भाषणों को देखा जाए और जो भी असंसदीय है उसे कार्यवाही से हटा दिया जाए।

बिरला ने केंद्रीय मंत्री बिट्टू की टिप्पणी की पृष्ठभूमि में कहा, ‘‘कोई भी सदस्य और मंत्री जी विशेष रूप से सदन की गरिमा को कम नहीं करें। कुछ भी टिप्पणी करनी है, कोई विषय उठाना है, आप चैम्बर में आकर मिलें।’’

उनका कहना था, ‘‘ये रिकॉर्ड में नहीं जाता है। कुछ सदस्य आसन के संदर्भ में बोलते हैं… कोई ऑन रिकॉर्ड बोलेगा तो कार्रवाई करूंगा।’’

इसके बाद चन्नी ने अपना अधूरा भाषण आगे बढ़ाया और कहा, ‘‘अध्यक्ष जी, आप इस सदन के संरक्षक हैं, आपकी बात हम मानेंगे।’’

चन्नी ने कहा कि सरकार ने किसानों को (एमएसपी की) कानूनी गारंटी देने का लिखित वादा किया था।

इस पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कांग्रेस सदस्य अपनी बात प्रमाणित करें या माफी मांगें।

सदन में एक बार फिर से नोकझोंक शुरू हो गई।

बिरला ने कहा कि कांग्रेस सदस्य को अपनी बात प्रमाणित करनी होगी।

चन्नी के बाद जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य सुनील तटकरे ने बोलना शुरू किया तो तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने बैठने के स्थान को लेकर कुछ आपत्ति जताई। इसके बाद फिर दोनों पक्षों के सदस्यों के बीच कहासुनी शुरू हो गई।

सदन में सदस्यों की सीट का निर्धारण अभी नहीं हुआ है।

हंगामे के बीच पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने सदन की कार्यवाही दो बजकर करीब 25 मिनट पर अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।