सरकार अर्थव्यवस्था की गाड़ी ठीक नहीं कर पाई, सिर्फ ‘हॉर्न’ की आवाज बढ़ा दी: थरूर

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को केंद्रीय बजट की तीखी आलोचना की और कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की गाड़ी ठीक नहीं कर पाई तो सिर्फ ‘‘हॉर्न की आवाज बढ़ा दी’’।

लोकसभा में केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य क्षेत्र और शिक्षा की अनदेखी की है।

थरूर ने कहा, ‘‘यह भारी-भरकम बजट एक बुरी तरह गंवाया गया अवसर है। एक बार फिर, सरकार ने भारत के लोगों को निराश किया है। बजट, कई मायनों में, इस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का प्रतीक है और इसकी विभाजनकारी नीतियों ने उनकी वित्तीय लापरवाही को और भी बदतर बना दिया है।’’

उन्होंने दावा किया कि यह बजट पूरी तरह से स्पष्ट करता है कि भाजपा के पास विचार खत्म हो गए हैं।

थरूर ने कहा, ‘‘उनकी प्राथमिकताएं मुख्य रूप से अपने दो सहयोगियों को खुश करने के इर्द-गिर्द घूमती हैं। वे भूल जाते हैं कि 26 अन्य राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश भी हैं जिनके लोगों के पास खुश होने के लिए कुछ भी नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि बिहार को राजमार्गों के लिए 26,000 करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन कर्नाटक को बेंगलुरु में महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए कुछ भी नहीं मिला।

थरूर ने अर्थव्यवस्था की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों के पास कपड़ों के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन एसयूवी की खरीद बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि देश में एक शादी में पांच हजार करोड़ रुपये खर्च हुआ, लेकिन उसी शहर में बहुत सारे लोग दैनिक जीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

उन्होंने सवाल किया कि कॉरपोरेट कर में कटौती के बाद नौकरियां कहां बढ़ी हैं?

कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि कॉरपोरेट कर में कटौती से 8.7 लाख करोड़ रुपये अरबपतियों के जेब में गये हैं।

थरूर का कहना था कि सरकार इतनी राशि से जरूरतमंदों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान जैसे मुद्दों का समाधान कर सकती थी।

उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट कर में कटौती और व्यक्तिगत आयकर में बढ़ोतरी से देश के लोग हैरान हुए हैं।

उन्होंने दावा किया कि डेटा छिपाने में इस सरकार को विशेषज्ञता हासिल है।

उन्होंने कहा कि इस बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी ठोस नहीं है।

थरूर ने कहा कि स्वास्थ्य पर पर्याप्त खर्च नहीं किया जा रहा है, जबकि कई विकासशील देश भारत की तुलना में कहीं ज्यादा खर्च कर रहे है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे ने बताया कि भाजपा को मंदिर का उपयोग राजनीतिक मकसद के लिए नहीं करना चाहिए।

थरूर ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की गाड़ी को ठीक नहीं कर पाई, लेकिन उसने ‘‘हॉर्न की आवाज बढ़ा दी’’।

उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में बेरोजगारी का भयावह संकट है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि आठ करोड़ नौकरियों का सृजन का दावा गलत है क्योंकि उसमें अवैतनिक रोजगार को भी जोड़ लिया गया है।

उन्होंने बजट में इंटर्नशिप योजना का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अच्छी बात है कि बहुमत गंवाने के बाद भाजपा हमारी बात मानने लगी है।’’

‘‘एंजेल टैक्स’’ निरस्त करने पर थरूर ने कहा, ‘‘चलो देर आए, दुरुरूत आए।’’

थरूर ने कहा कि यह बजट विकसित भारत के लिए नहीं है तथा इसमें दिशा और लक्ष्य का अभाव है।

चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा था कि एक साल के भीतर जम्मू कश्मीर में चुनाव होगा और वहां की विधानसभा में बजट पारित होगा।

उनका कहना था कि अगर जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव हो सकता है तो विधानसभा क्यों नहीं हो सकता।

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल जम्मू कश्मीर की विधानसभा में वहां का बजट पारित होगा।

सुले ने आरोप लगाया कि सरकार इससे इनकार कर रही है कि देश में महंगाई है।

उन्होंने सरकार से देश में जनगणना और परिसीमन कराने की मांग की।

उनका कहना था कि सांसद निधि में वृद्धि की जाए या फिर इसे खत्म कर दिया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार 10 साल से कह रही है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है, तो फिर क्यों गरीबी कम नहीं हुई?