मांग कमजोर होने से अधिकांश तेल-तिलहन में गिरावट

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) सस्ता आयातित तेल से ऊंची लागत वाले देशी तिलहनों की हालत खराब कर दी है, जिससे बिनौला, सोयाबीन, सरसों समेत ज्यादातर तेल तिलहनों में गिरावट आई है। यह गिरावट जून में सूरजमुखी के सस्ते तेल का आयात 2.5 लाख टन की खपत की तुलना में दोगुना पांच लाख टन होने के कारण आई है।

बाजार सूत्रों ने बताया कि सूरजमुखी के तेल के आयात की लागत 81 रुपये प्रति लीटर है जबकि देसी सूरजमुखी तेल की कीमत समर्थन मूल्य के हिसाब से 150 रुपये प्रति लीटर पड़ती है। इसकी खुदरा कीमत 100-102 रुपये प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए जबकि यह 140-170 रुपये प्रति लीटर की दर पर बेचा जा रहा है।

राजा तेल कहा जाने वाले सूरजमुखी तेल मई, 2022 में मूंगफली और बिनौला से 30 रुपये तक महंगा था। अब इस तेल का थोक भाव मूंगफली तेल से लगभग 70 रुपये नीचे है। ऐसे में मूंगफली तेल कैसे खपेगा।

सरकार को सूरजमुखी तेल के आयात पर लगाम लगाने की जरूरत है क्योंकि इसकी खपत कम है और आयात ज्यादा हो रहा है। इस तेल का इस्तेमाल उच्च वर्ग में ज्यादा होता है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि शिकॉगो एक्सचेंज देर रात को गिरावट के साथ बंद हुआ है।

 

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,965-6,025 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,325-6,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,270-2,570 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,895-1,995 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,895-2,020 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,375 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,125 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,825 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,550-4,570 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,360-4,480 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,125 रुपये प्रति क्विंटल।