गुवाहाटी, 12 जुलाई (भाषा) असम के डुमडुमा शहर में घंटाघर के निर्माण के लिए महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाए जाने के दो दिन बाद मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है और वह तथ्यों की पुष्टि करेंगे।
उनकी यह टिप्पणी तिनसुकिया प्रशासन द्वारा मूर्ति को हटाए जाने की व्यापक आलोचना होने के बाद आई है।
शर्मा ने महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मुझे जिला प्रशासन द्वारा लिए गए इस निर्णय की जानकारी नहीं है। मुझे तथ्यों की पुष्टि करने दें।’’
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि असम महात्मा गांधी का बेहद ऋणी है।
शर्मा ने कहा, ‘‘जब नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी विलय योजना के तहत असम को पाकिस्तान में शामिल करना चाहती थी तब महात्मा गांधी भारत रत्न गोपीनाथ बोरदोलोई के साथ मजबूती से खड़े रहे।’’
स्थानीय लोगों ने बताया कि शहर के मध्य में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को बुधवार को निकाय अधिकारियों ने हटा दिया ताकि वहां ‘‘घंटाघर बनाने का रास्ता साफ हो जाए।’’
इसको लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
बृहस्पतिवार को डुमडुमा के विधायक रूपेश गोवाला ने उन्हें आश्वासन दिया कि उसी स्थान पर राष्ट्रपिता की नयी और ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
भाजपा विधायक ने दावा किया कि प्रतिमा काफी जर्जर हालत में है और नयी प्रतिमा छह माह के भीतर स्थापित कर दी जाएगी, साथ ही स्थल का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा।
तुषार गांधी ने स्थानीय प्रशासन के इस कदम के संबंध में एक खबर को साझा करते हुए पोस्ट में लिखा था, ‘‘असम की भारतीय जनता पार्टी की सरकार का डिब्रूगढ़ में बापू की प्रतिमा की जगह घंटाघर बनाने का फैसला हैरान नहीं करता है। वे आज भी गुलामी में जी रहे हैं।’’