हरियाणा सरकार शंभु बॉर्डर खोले, यातायात नियंत्रित करे: उच्चतम न्यायालय

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नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार से प्रश्न किया कि वह राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकती है? साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को अंबाला के पास शंभू बार्डर पर लगाए गए अवरोधक हटाने का निर्देश दिया।

अपनी विभिन्न मांगों के पक्ष में किसान 13 फरवरी से शंभू बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के पक्ष में दिल्ली की ओर बढ़ने की घोषणा की थी जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि राज्य, उच्च न्यायालय के 10 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में है जिसमें उसे सात दिनों के भीतर राजमार्ग खोलने का निर्देश दिया गया था।

वकील द्वारा उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने के बारे में पीठ को सूचित किए जाने पर न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा, ‘‘कोई राज्य राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? यातायात को नियंत्रित करना उसका कर्तव्य है। हम कह रहे हैं कि इसे खोलिए, लेकिन नियंत्रित कीजिए।’’