नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह निर्णय केजरीवाल को करना है कि वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस तथ्य से अवगत हैं कि अरविंद केजरीवाल निर्वाचित नेता हैं।’’ पीठ ने यह भी कहा कि केजरीवाल 90 दिनों से अधिक समय से कारावास में हैं।
पीठ ने ईडी मामले में उनकी गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित प्रश्नों को वृहद पीठ के पास भेज दिया।
अदालत ने कहा कि चूंकि मामला जीवन के अधिकार से संबंधित है और गिरफ्तारी का मुद्दा बड़ी पीठ को सौंप दिया गया है इसलिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए।
शीर्ष अदालत ने ईडी की शक्ति,धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और ईडी द्वारा गिरफ्तारी की नीति से संबंधित तीन प्रश्न तैयार किए हैं।
पीठ ने कहा कि केजरीवाल को 10 मई के आदेश की शर्तों के अनुसार अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव प्रचार के लिए 10 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया था। साथ ही कहा था कि केजरीवाल अपनी अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।
अदालत ने कई शर्तों के अलावा केजरीवाल से कहा था कि 21 दिन की अंतरिम जमानत अवधि के दौरान वह उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक होने पर ही किसी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर करें।
शीर्ष अदालत ने मामले में 21 मार्च को ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला 17 मई को सुरक्षित रख लिया था।
शीर्ष अदालत ने धनशोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर 15 अप्रैल को ईडी से जवाब मांगा था।
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख ने दिल्ली उच्च न्यायालय के नौ अप्रैल के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसमें मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था।
दिल्ली की एक अदालत ने 20जून को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी थी।
हालांकि ईडी ने अगले दिन दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और दलील दी कि केजरीवाल को जमानत देने वाला निचली अदालत का आदेश ‘एकतरफा’ और ‘गलत’ था और निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे।
उच्च न्यायालय ने 21 जून को ईडी के आवेदन पर आदेश पारित होने तक निचली अदालत के जमानत आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। 25 जून को उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए एक विस्तृत आदेश पारित किया था।
केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था।
सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है।