नई दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) भारतीय टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए गौतम गंभीर के बचपन के कोच संजय भारद्वाज का मानना है कि यह पूर्व सलामी बल्लेबाज अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने की क्षमता रखता है और चुनौतियों का डटकर सामना करने की उनकी आदत राष्ट्रीय टीम के लिए जीत की आदत बन सकती है।
गंभीर को मंगलवार को भारतीय पुरुष टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। वह राहुल द्रविड़ की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था।
भारद्वाज ने पीटीआई वीडियो से कहा,‘‘गौतम के पास अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने की योग्यता है। एक शीर्ष कोच का काम यही होता है। गौती अपने खिलाड़ियों को अच्छी तरह से जानते हैं और उनका प्रभावी ढंग से उपयोग करके उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मेरा मानना है कि कोच के रूप में उनमें भारत को चरम पर ले जाने की क्षमता है। वह बिना किसी पक्षपात के ईमानदारी से काम कर सकते हैं और भारतीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ला सकते हैं। भारत पिछले 13 वर्ष है (वनडे) विश्व कप नहीं जीत पाया है लेकिन अब इस खिताब को जीतने की पूरी उम्मीद है।’’
अमित मिश्रा, उन्मुक्त चंद और नितीश राणा जैसे कई खिलाड़ियों को तैयार करने वाले भारद्वाज का मानना है कि गंभीर किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं।
उन्होंने कहा,‘‘वह हमेशा चुनौती का सामना करते हुए खेलते हैं। जब वह 10 वर्ष के थे तब से उनमें जीत की मानसिकता है। वह हमेशा जीतने के लिए खेलते थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा कि वह कोई मैच हार सकते हैं। उन्हें अपनी क्षमता पर कभी संदेह नहीं रहा। उनमें किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने और उसने सफल होने की योग्यता है।’’
गंभीर ने 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में भारत को वनडे विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
भारद्वाज ने कहा कि गंभीर ने तब रोहित शर्मा के स्टार खिलाड़ी बनने की भविष्यवाणी कर दी थी जब वर्तमान भारतीय कप्तानअपने शुरुआती दिनों में खराब फॉर्म से गुजर रहा था।
उन्होंने कहा,,‘‘गंभीर ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ क्रिकेट खेली है। एक बार उन्होंने अपना मैन ऑफ द मैच विराट को दे दिया था जिससे पता चलता है कि वह दिल के कितने सच्चे इंसान हैं। उन्होंने मुझे बहुत पहले बता दिया था कि रोहित शर्मा एक दिन स्टार खिलाड़ी बनेगा जो सही साबित हुआ।’’
भारद्वाज ने कहा,‘‘अगर गौतम को लगता है कि यह चीज टीम के लिए सही है तो वह अपने फैसले पर अडिग रहेंगे। गौतम जीतने के लिए खेलते हैं। उन्हें पता है कि क्या करना है और एक निश्चित टीम संयोजन बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वह पक्षपात में विश्वास नहीं करते; उन्हें केवल क्रिकेट ही सबसे ज़्यादा पसंद है।’’