नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने यहां एक जिला फोरम के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड पर बकाया भुगतान के बावजूद एक ग्राहक को अपमानित और प्रताड़ित करने तथा उसकी सेवाएं बंद करने के लिए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल और न्यायिक सदस्य पिंकी एयरटेल की जिला फोरम के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें ‘‘दंडात्मक मुआवजा’’ लगाया गया था। इस मुआवजा राशि में से तीन लाख रुपये राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा किए जाने थे।
फोरम ने निर्देश दिया था कि शेष दो लाख रुपए शिकायतकर्ता या उपभोक्ता को ‘‘अत्यधिक और जानबूझकर किए गए अपमान, मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न और मुकदमेबाजी खर्च’’ के लिए प्रदान किए जाएं।
आयोग ने कहा कि जिला उपभोक्ता फोरम के फैसले में कोई खामी नहीं है।