हैदराबाद, छह जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के उनके समकक्ष ए रेवंत रेड्डी लंबित अंतर-राज्यीय मुद्दों के हल के लिए शनिवार को यहां बैठक करेंगे।
दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच यह बैठक शाम को यहां सरकारी महात्मा ज्योति राव फुले प्रजा भवन में होगी। आंध्र प्रदेश (अविभाजित) के बंटवारे से दो जून 2014 को तेलंगाना अस्तित्व में आया था।
विभाजन के 10 वर्ष बाद भी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच परिसंपत्तियों के विभाजन, सरकारी संस्थानों, बकाया बिजली बिल, कर्मचारियों के उनके मूल राज्यों में स्थानांतरण जैसे कई मुद्दे अब भी अनसुलझे हैं।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के अनुसार, हैदराबाद इस वर्ष दो जून से दोनों राज्यों की साझा राजधानी नहीं रही। हैदराबाद अब केवल तेलंगाना की राजधानी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम (2014) की नौवीं अनुसूची और 10वीं अनुसूची में सूचीबद्ध अविभाजित राज्य के विभिन्न सरकारी संस्थानों और निगमों की दोनों राज्यों के बीच बंटवारे की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है क्योंकि कई मुद्दों पर आम सहमति नहीं बन पाई है।
विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं ने यहां मांग की कि तेलंगाना सरकार आंध्र से कुछ गांवों को तेलंगाना में वापस लाने के लिए दबाव बनाए। पोलावरम परियोजना से जुड़े निर्माण कार्यों के सुचारू संचालन के लिए विभाजन के समय इन गांवों को आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया था।
दोनों नेताओं के बीच वार्ता की पहल करते हुए नायडू ने पिछले सप्ताह तेलंगाना के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा था और दोनों राज्यों के विभाजन के वक्त के अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने के लिए छह जुलाई को एक बैठक का प्रस्ताव रखा था। रेवंत रेड्डी ने नायडू बैठक के लिए सहमत हो गए थे।