कोलंबो, चार जुलाई (भाषा) श्रीलंका के वित्त मंत्रीशेहन सेमसिंघे ने बृहस्पतिवार को कहा कि लंबी बातचीत के बाद द्वीप राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय संप्रभु बॉन्डधारकों के साथ ऋण पुनर्गठन समझौते पर पहुंच गया है।
उन्होंने इसे नकदी की कमी से जूझ रहे देश में ऋण स्थिरता को बहाल करने के प्रयासों में एक ‘‘महत्वपूर्ण कदम’’ बताया।
वित्त राज्य मंत्री सेमसिंघे ने बयान में कहा कि पुनर्गठन शर्तों पर बुधवार को समझौता हो गया, जिससे श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया पूरी हो गई।
सेमसिंघे ने कहा, ‘‘ कुल 37 अरब अमेरिकी डॉलर के बाहरी ऋण में आईएसबी (अंतरराष्ट्रीय संप्रभु बॉन्ड) का हिस्सा 12.5 अरब अमेरिकी डॉलर है। यह समझौता ऋण स्थिरता को बहाल करने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
उन्होंने कहा कि निजी बॉन्डधारकों के साथ समझौता भारत सहित देशों की आधिकारिक ऋणदाता समिति की मंजूरी के अधीन है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ यह आर्थिक पुनरुद्धार तथा मजबूती की दिशा में हमारी यात्रा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।’’
अधिकारियों ने बताया कि अपेक्षित कटौती 28 प्रतिशत होगी, जिसका अग्रिम भुगतान आईएसबी धारकों को इस वर्ष सितंबर से शुरू किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इससे श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया पूरी हो गई है। यह चार वर्षों के लिए मार्च 2023 में बढ़ाए गए 2.9 अरब अमरीकी डॉलर के जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के ‘बेलआउट’ में ऋण स्थिरता की पूर्व शर्त के तौर पर आई।
भारत और चीन सहित द्विपक्षीय ऋणदाताओं के साथ 26 जून को पेरिस में ऋण पुनर्गठन समझौतों को अंतिम रूप देने के बाद इस पर बातचीत संपन्न हुई है।