‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के छात्र संगठनों ने नीट विवाद को लेकर केंद्र की आलोचना की

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के छात्र संगठनों ने मंगलवार को नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना की और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए सभी 24 लाख उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित किये जाने की अपनी मांग दोहरायी।

यहां प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में छात्र संगठनों के राष्ट्रीय नेताओं ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित परीक्षा में विसंगतियों के खिलाफ एक साझा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित कराने में विफल रहने के कारण परीक्षा एजेंसी को समाप्त करने की मांग पर जोर दिया।

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सहित समाजवादी छात्र सभा और कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) सहित छात्र संगठनों के राष्ट्रीय नेता मौजूद थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि एनटीए की “निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता” के कारण लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में है और उन्होंने मांग की कि सभी उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक की नयी तारीखें तुरंत जारी की जाएं।

छात्रों ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को खत्म करने और परीक्षा में पेपर लीक और भ्रष्टाचार की कथित घटनाओं को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की भी मांग की।

उन्होंने बताया कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के छात्र संगठन 18वीं लोकसभा के अंतिम दिन बुधवार को संसद तक संयुक्त मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं।

एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, “हाल ही में हुआ नीट घोटाला एनटीए की निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा आयोजित कराने में असमर्थता का ज्वलंत उदाहरण है। देश भर के छात्रों के प्रतिनिधि के रूप में हम एनटीए पर तत्काल प्रतिबंध लगाने और इन महत्वपूर्ण परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए एक नए, भरोसेमंद निकाय की स्थापना की मांग करते हैं।”

आइसा के महासचिव प्रसेनजीत कुमार ने कहा, “एनटीए के खिलाफ ‘इंडिया’ के झंडे तले आइसा द्वारा कई विरोध प्रदर्शनों और एक सप्ताह तक चले धरने के बाद, देश के सभी प्रमुख छात्र संगठन तीन जुलाई को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने के लिए एक साथ आए हैं। इसी क्रम में छात्रों ने जंतर-मंतर पर संसद घेराव का आह्वान किया है।”

एआईएसएफ अध्यक्ष विराज देवांग, समाजवादी छात्र सभा के अध्यक्ष इमरान, एसएफआई महासचिव मयूख विश्वास और सीआरजेडी नेता अक्षन रंजन ने भी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

एनटीए ने सोमवार को 1,563 अभ्यर्थियों के परिणाम जारी किए जो पांच मई को छह केंद्रों पर परीक्षा देरी से शुरू होने के कारण समय की हानि की भरपाई के लिए दोबारा परीक्षा में शामिल हुए थे।

पांच मई की परीक्षा में 720 अंक लाने वाले पांच उम्मीदवारों में से कोई भी दोबारा हुई परीक्षा में उतने अंक हासिल नहीं कर पाया। संशोधित परिणामों में मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शीर्ष रैंक साझा करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई।