पंचकुला (हरियाणा), 29 जून (भाषा) धाविका लिली दास ने जब 2016 में भारतीय एथलेटिक्स में शुरूआत की थी तो उन्हें उम्मीद की किरण के तौर पर देखा जा रहा था लेकिन चीजें इतनी अच्छी नहीं रहीं और आठ साल बाद भी वह अपने पहले सीनियर अंतरराष्ट्रीय पदक की कोशिश में जुटी हैं।
प्रायोजकों की कमी के कारण लिली शीर्ष स्तर पर अपनी काबिलियत नहीं दिखा सकी हैं लेकिन 2016 में फेडरेशन कप की जूनियर स्तर की 1500 मीटर स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली पश्चिम बंगाल की यह एथलीट अभी हार मानने को तैयार नहीं है।
छब्बीस साल की लिली ने पोलैंड के बिडगोस्ज में 2016 विश्व जूनियर चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था जिसमें भाला फेंक ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता था। इसमें लिली 1500 मीटर के फाइनल में 10वें स्थान पर रही थीं।
इसी साल लिली ने एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में 800 मीटर और 1500 मीटर दोनों में स्वर्ण पदक जीते थे। लेकिन सीनियर स्तर पर उन्होंने 2019 दक्षिण एशियाई खेलों की 800 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के अलावा कोई अंतरराष्ट्रीय पदक नहीं जीता है।
लिली ने शनिवार को पीटीआई से कहा, ‘‘मैंने जूनियर स्तर पर अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं लेकिन सीनियर स्तर पर अंतरराष्ट्रीय पदक नहीं जीत पा रही। 2017 एशियाई चैम्पियनशिप में भी मैं पदक से चूक गयी थी। मैं 2018 और 2022 एशियाई खेलों में भी हिस्सा लेने से चूक गयी थी। यह दुखद हिस्सा है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं अभी हार नहीं मान रही हूं। मैं अभी 26 साल की हूं लेकिन भाग्यशाली हूं कि अपने करियर में किसी बड़ी चोट से परेशान नहीं हुई। मैं कड़ी मेहनत करना जारी रखूंगी और अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने की कोशिश करूंगी। मेरा अगला लक्ष्य 2025 एशियाई चैम्पियनशिप और फिर 2026 एशियाई खेल हैं। ’’