आबकारी ‘घोटाला’ : सीबीआई ने औपचारिक रूप से केजरीवाल को गिरफ्तार किया

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुधवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय एजेंसी ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ के लिए अदालत से केजरीवाल को पांच दिन के लिए उसकी हिरासत में भेजने का भी अनुरोध किया।

विशेष न्यायधीश अमिताभ रावत ने हिरासत संबंधी अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया। केजरीवाल ने अदालत के समक्ष दावा किया कि वह इस मामले में निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) भी निर्दोष है।

न्यायाधीश से अनुमति मिलने के बाद केंद्रीय एजेंसी ने औपचारिक रूप से आप के राष्ट्रीय संयोजक को गिरफ्तार कर लिया।

तिहाड़ केंद्रीय कारागार से केजरीवाल को अदालत में पेश किया गया जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने की अर्जी दी। आप नेता आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में कारागार में है जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।

केजरीवाल ने अदालत से कहा, ‘‘मीडिया में सीबीआई सूत्रों के हवाले से यह दिखाया जा रहा है कि मैंने एक बयान में पूरा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया है। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि सिसोदिया दोषी हैं या कोई और दोषी है। मैंने कहा है कि सिसोदिया निर्दोष हैं, ‘आप’ निर्दोष है, मैं निर्दोष हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी पूरी योजना मीडिया के सामने हमें बदनाम करने की है। कृपया ध्यान दें कि ये सब बातें सीबीआई सूत्रों के माध्यम से मीडिया में प्रसारित की गई हैं।’’

केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि सीबीआई इस मामले को सनसनीखेज बना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। यह सभी अखबारों की शीर्ष सुर्खियां होंगी। उनका उद्देश्य मामले को सनसनीखेज बनाना है।’’

हालांकि, सीबीआई का पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि उन्होंने तथ्यों के आधार पर दलील दी थी और एजेंसी के किसी सूत्र ने कुछ नहीं कहा था।

न्यायाधीश ने कहा कि मीडिया किसी सुर्खी को प्रमुखता देती है। उन्होंने कहा, ‘‘ मीडिया को इस मामले में नियंत्रित करना बहुत ही मुश्किल है।’’

सीबीआई ने केजरीवाल की हिरासत मांगने के लिए अदालत में दाखिल अर्जी में कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ जरूरी है। एजेंसी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का सबूतों और मामले के अन्य आरोपियों से आमना-सामना कराने की भी जरूरत है।

इसने कहा, ‘‘हमें उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करनी है…वह यहां तक (सह आरोपी) विजय नायर को भी नहीं पहचान रहे हैं जो उनके मातहत काम करते थे। वह कह रहे हैं कि नायर आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम करते हैं। वह पूरा दोष मनीष सिसोदिया (मामले में सह आरोपी) पर डाल रहे हैं। उनका आमना-सामना कराना है। उन्हें दस्तावेज दिखाने हैं।’’

केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया कि ‘दक्षिण की लॉबी’ ने ऐसे समय दिल्ली का दौरा किया जब कोविड-19 महामारी अपने चरम पर थी।

संघीय एजेंसी ने इससे पहले दावा किया था कि तथाकथित ‘दक्षिण की लॉबी’ ने अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति ने रूपरेखा तय की थी और इसमें मुख्यमंत्री संलिप्त थे।

सीबीआई ने अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति का संदर्भ देते हुए अदालत में कहा, ‘‘मौतें हो रही थीं। उन्होंने रिपोर्ट तैयार की और अभिषेक बोइनपल्ली को दी। यह विजय नायर के जरिये मनीष सिसोदिया को भेजी गई। कोई बैठक नहीं हुई। उसी दिन इस पर हस्ताक्षर किए गए। उसी दिन इसे अधिसूचित कर दिया गया। इसे लेकर जल्दबाजी थी… जब कोविड था, तो मामलों की बागडोर किसके हाथ में थी? मुख्यमंत्री के पास। उनके निर्देश पर दक्षिण की लॉबी दिल्ली में बैठी थी और उसने सुनिश्चित किया कि नीति अधिसूचित हो जाए।’’

सीबीआई ने केजरीवाल पर ‘‘अनावश्यक दुर्भावना से प्रेरित आरोप’’ लगाने का भी आरोप लगाया।

सीबीआई का पक्ष रख रहे वकील ने कहा, ‘‘बेवजह द्वेषपूर्ण आरोप लगाए जा रहे हैं। हम चुनाव से पहले यह कार्यवाही कर सकते थे। मैं (सीबीआई) अपना काम कर रहा हूं, हर अदालत को संतुष्ट कर रहा हूं।’’

अदालत ने जब पूछा किया कि केजरीवाल को अब गिरफ्तार क्यों किया जा रहा है तो सीबीआई के वकील ने कहा कि जांच एजेंसी चुनाव के दौरान उन्हें गिरफ्तार करने से बच रही थी।

वकील ने कहा, ‘‘अदालत चुनाव के लिए उनकी अंतरिम जमानत पर विचार कर रही थी। अगर उस समय मैं (सीबीआई) उन्हें गिरफ्तार कर लेता… यह मेरा संयम दर्शाता है कि मैंने उन्हें उस समय गिरफ्तार नहीं किया जब वह चुनाव प्रचार कर रहे थे।’’

केजरीवाल का पक्ष रख रहे वकील ने सीबीआई की हिरासत लेने की अर्जी का विरोध किया और इसे ‘‘पूरी तरह से संदिग्ध’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह शक्ति के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण है।’’