नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सप्ताह के दौरान शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
इसके अलावा, मानसून की प्रगति और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी सप्ताह के दौरान निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘‘इस सप्ताह, बजट से जुड़ी चर्चाओं के बीच क्षेत्र विशेष गतिविधियों की उम्मीद है। मानसून की प्रगति पर सभी की निगाह रहेगी। निकट अवधि में इससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ सकता है।’’
उन्होंने कहा कि निवेशक समग्र भावना का आकलन करने के लिए एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) और डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशक) कोष प्रवाह के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों पर भी नजदीकी नजर रखेंगे। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी जीडीपी जैसे आर्थिक आंकड़े 27 जून को जारी किए जाएंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘बजट से संबंधित घटनाक्रम और वैश्विक बाजार के संकेतक, विशेष रूप से अमेरिकी बाजार से संकेतों पर निवेशकों का ध्यान रहेगा।’’
उन्होंने कहा कि जून माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 217.13 अंक या 0.28 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 35.5 अंक या 0.15 प्रतिशत चढ़ गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर बाजार के स्थिर रहने रहने की संभावना है। बजट से संबंधित क्षेत्रों में भी सक्रियता बनी रह सकती है।’’
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि बाजार सहभागियों की नजर मानसून की आगे की प्रगति पर रहेगी।
चौहान ने कहा, “धीरे-धीरे बजट और कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।”