ग्रोस आइलेट, 23 जून ( भाषा ) कुलदीप यादव टी20 क्रिकेट में ईंट का जवाब पत्थर से देने पर यकीन करते हैं और इसी आक्रामक तेवर से भारत के इस कलाई के स्पिनर को वेस्टइंडीज में चल रहे टी20 विश्व कप में अप्रतिम सफलता मिल रही है ।
पिछले एक साल से अधिक समय से सभी प्रारूपों में भारत के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर कुलदीप को अमेरिका में लीग चरण में बाहर रहना पड़ा था ।
वेस्टइंडीज की स्पिनरों की मददगार पिचों पर वह काफी प्रभावी साबित हो रहे हैं । उन्होंने दो मैचों में पांच विकेट ले लिये हैं जिसमें बांग्लादेश के खिलाफ शनिवार को मिले तीन विकेट शामिल है ।
कुलदीप की सफलता का एक कारण उनकी गेंदबाजी में आक्रामकता भी है । उन्होंने कहा कि वह अपनी लैंग्थ से कभी समझौता नहीं करते ।
उन्होंने कहा ,‘‘ दुनिया के किसी भी स्पिनर के लिये लैंग्थ काफी मायने रखती है। इस प्रारूप में तो आपको यह भांपना ही होता है कि बल्लेबाज क्या करने की सोच रहा है । इसके लिये काफी आक्रामक होना पड़ा है । मुझे आईपीएल में भी इससे मदद मिली और अब टी20 विश्व कप में भी । ’’
अब आस्ट्रेलिया के खिलाफ सोमवार को उन्हें सबसे कठिन परीक्षा से गुजरना है ।
यह पूछने पर कि बल्लेबाज जब चौके छक्के लगाने की फिराक में होते हैं, वह अपनी रणनीति पर कैसे अडिग रह पाते हैं, उन्होंने कहा ,‘‘ जब सामने वाली टीम को प्रति ओवर 10 या 12 रन चाहिये और बल्लेबाज आपकी गेंदों की धुनाई करने को आतुर हों तो सिर्फ लैंग्थ बनाये रखना जरूरी है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ जब वह आप पर हमले की कोशिश करें तो आपके पास रणनीति होनी चाहिये । ऐसे में विकेट लेने की संभावना अधिक होती है ।’’
कुलदीप ने संकेत दिया कि उन्हें वेस्टइंडीज में टीम संयोजन की जानकारी दी । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अमेरिका में नहीं खेला । मैं वहां 12वां खिलाड़ी था और ड्रिंक्स लेकर जा रहा था । यह खेलने जैसा ही था । मैने वहां गेंदबाजी नहीं की लेकिन करना चाहता था ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ वहां विकेट आस्ट्रेलिया की तरह था । मैने यहां 2017 में टी20 और वनडे में पदार्पण किया और मुझे हालात का पता था । स्पिनर के लिये यहां गेंदबाजी करना अच्छा अनुभव है ।’’