नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह देश में उपभोक्ताओं के लिए गेहूं की कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेप करेगी।
गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति की बैठक के बाद सरकार ने कहा कि उसने अधिकारियों को गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में एक साल पहले की तुलना में दो रुपये प्रति किलोग्राम तक की बढ़ोतरी हुई है।
आंकड़े दर्शाते हैं कि, 20 जून तक गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 30.99 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो एक साल पहले 28.95 रुपये था, जबकि गेहूं के आटे की कीमत पिछले साल 34.29 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 36.13 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।
मंत्रियों ने बैठक के दौरान गेहूं के स्टॉक और कीमतों की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिया कि गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखी जाए और देश के उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेप किए जाएं।’’
इसमें आश्वासन दिया गया है कि सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में केंद्रीय पूल के लिए थोड़ा अधिक गेहूं खरीदा है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘पीडीएस और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकता को पूरा करने के बाद, जो लगभग 1.84 करोड़ टन है, बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।’’
इस साल 18 जून तक, सरकार ने एक अप्रैल से शुरू हुए 2024-25 रबी विपणन वर्ष में केंद्रीय पूल के लिए 2.66 करोड़ टन गेहूं खरीदा था, जो पिछले वर्ष के 2.62 करोड़ टन से थोड़ा अधिक है।