नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) कांग्रेस अगले सप्ताह संगठन को मजबूत करने तथा जम्मू-कश्मीर के अलावा झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे चुनावी राज्यों में अपनी रणनीति तैयार करने के लिए विचार-विमर्श शुरू करेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी 24 जून से रणनीतिक बैठकें शुरू करेंगे, उसी दिन वे झारखंड के नेताओं से मिलेंगे और अपनी रणनीति तैयार करेंगे।
महाराष्ट्र के लिए पार्टी की रणनीति बैठक 25 जून को होगी और हरियाणा के नेता 26 जून को शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। जम्मू-कश्मीर के लिए रणनीति बैठक 27 जून को होगी, जहां अभी चुनावों की घोषणा नहीं हुई है।
कांग्रेस नेतृत्व ने लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित होकर इन बैठकों की योजना पहले ही बना ली थी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव, संगठन, के.सी. वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “अपने पक्ष में बने माहौल को आगे बढ़ाते हुए, हम आगामी राज्य चुनावों में शानदार जीत सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं। हमारे प्रयासों को गति देने के लिए, माननीय कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी चुनाव वाले राज्यों के वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीतिक बैठकें करेंगे: झारखंड – 24 जून, महाराष्ट्र – 25 जून, हरियाणा – 26 जून, जम्मू-कश्मीर – 27 जून।”
महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में होने हैं। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर, 2024 को समाप्त होगा, जबकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त होगा। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर से पहले चुनाव करा लिए जाने चाहिए।
इस बीच, कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्ष वाई. एस. शर्मिला ने मंगलवार को खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की।
खरगे ने बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “हम आंध्र प्रदेश में पार्टी संगठन को फिर से मजबूत करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। हर कांग्रेस कार्यकर्ता को कड़ी मेहनत करनी चाहिए और लोगों की आवाज बनना चाहिए।”
हाल ही में संपन्न चुनावों में करारी हार के बाद आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का काम शर्मिला को सौंपा गया है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल को पार्टी की संगठनात्मक मशीनरी को मजबूत करने और राज्य में कांग्रेस की खोई हुई राजनीतिक जगह हासिल करने की योजनाओं से अवगत कराया। कांग्रेस आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रही।