मुकेश छाबड़ा: कास्टिंग डायरेक्‍टर्स में नंबर वन

कास्टिंग डायरेक्टर, मुकेश छाबड़ा, जिन्हें प्यार से कास्टिंग छाबड़ा भी कहा जाता है, हमारी फिल्‍म इंडस्‍ट्री का एक ऐसा नाम है जिन्हें  इंडस्ट्री में बहुत सम्मान दिया जाता है।

मुकेश के करियर की शुरूआत,आकस्मिक रूप से विशाल भारद्वाज के प्रोडक्‍शन के लिए, बच्चों को कास्ट करने में मदद करने से शुरू हुई। इसके बाद राजकुमार राव, सुशांत सिंह राजपूत, पंकज त्रिपाठी, ज़ायरा वसीम, फातिमा सना शेख, सान्‍या मल्होत्रा और अमित साध जैसे कई सितारों को पेश करने के पीछे मुकेश छाबड़ा का ही हाथ रहा।  

43 वर्षीय मुकेश छाबड़ा ने अभिनय की कला को समझने के लिए श्री राम सेंटर से 2 साल के प्रशिक्षण के बाद ‘थिएटर इन एजुकेशन’ कंपनी  में लगभग 9 साल तक अभिनय शिक्षण किया।

वर्तमान में मुकेश कास्टिंग डायरेक्टर, एक्टिंग वर्कशॉप मुंबई के डायरेक्टर हैं। वह कई सुपरहिट फिल्मों में कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं।

मुकेश व्‍दारा जिन फिल्मों के लिए कास्टिंग की गई उनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘रॉकस्टार’, ‘चिल्लर पार्टी’, ‘दिल बेचारा’, ‘दंगल’, ‘जवान’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘पीके’, ‘छिछोरे’, ‘काई पो चे’ ‘शाहिद’, ‘चेन्नई एक्सप्रेस’, ‘जय हो’ और ‘हैदर’ सहित कई फिल्में शामिल है।  

मुकेश छाबड़ा, को बतौर कास्टिंग डायरेक्‍टर, पहला बड़ा ब्रेक इम्तियाज अली की ‘लव आज कल’ से मिला लेकिन अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में उनके व्‍दारा खोजी गई शानदार कास्टिंग ने उन्हें मशहूर बना दिया।

इसके बाद आमिर खान की कुश्ती पर आधारित फिल्म ‘दंगल’ के लिए उन्‍होंने जिन कलाकारों का चयन किया, वह सभी एकदम परफेक्‍ट साबित हुए। फिर तो एक के बाद एक कई कामयाब फिल्‍मों की कास्टिंग का श्रेय मुकेश छाबड़ा के नाम से जुड़ता चला गया।  

आज मुकेश छाबड़ा को हिंदी फिल्म उद्योग में कास्टिंग क्षेत्र को सुव्यवस्थित करने के लिए एक प्रेरक शक्ति माना जाता है।

पिछले साल रिलीज हुई राजकुमार हीरानी व्‍दारा निर्देशित ‘डंकी’ में मुकेश छाबड़ा की कास्टिंग कमाल की रही।  राजकुमार हीरानी के अनुसार ऐसे एक्‍टर्स की खोज किसी चुनौती से कम नहीं थी जो शाहरुख के आगे न सिर्फ टिके रह सकें बल्कि अपना व्‍यक्तिगत कमाल भी कर पाएं । ऐसे एक्टर ढूंढना अपने आप में कमाल था और यह कमाल मुकेश के कारण मुमकिन हो सका।

मुकेश छाबड़ा ने सुशांत सिंह राजपूत अभिनीत ‘दिल बेचारा’ (2020) के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की लेकिन बदकिस्‍मती से फिल्‍म ज्‍यादा अच्‍छा नहीं कर सकी। इसके बाद मुकेश ने फिल्‍म डायरेक्‍शन से तौबा करते हुए पूरा फोकस कास्टिंग डायरेक्‍शन पर कर लिया है।