वाशिंगटन, 18 जून (भाषा) भारत और अमेरिका के बीच संबंध निर्माण करने और उन्हें मजबूत बनाने में भारतीय अमेरिकियों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। व्हाइट हाउस की एक शीर्ष अधिकारी नीरा टंडन ने यह बात कही।
राष्ट्रपति जो बाइडन की घरेलू नीति सलाहकार टंडन ने सोमवार को ‘यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ (यूएसआईएसपीएफ) के सातवें वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत टिम रोमर के साथ बातचीत में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ”मैं वाकई मानती हूं कि आज अमेरिका और भारत के रिश्ते जिस मुकाम पर हैं, उसे बनाने में प्रवासी समुदाय ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।”
टंडन ने कहा, ”व्यापार क्षेत्र के दिग्गजों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। बात सिर्फ आज की नहीं है, अतीत के ऐसे क्षण जब अमेरिका और भारत के बीच वास्तव में संबंध तनावपूर्ण थे तब भी इन्होंने रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद की।”
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ”भारत, अमेरिका को किस तरह देखता है, इसका सीधा संबंध अमेरिका द्वारा भारतीयों के साथ किए जाने वाले व्यवहार से है। जैसे-जैसे हम प्रगति कर रहे हैं, यह मौलिक रूप से उतना ही जरूरी हो जाता है।”
व्हाइट हाउस के सबसे प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकियों में से एक टंडन ने कहा कि कई दशक पहले जब उन्होंने पहली बार व्हाइट हाउस में काम करना शुरू किया था उसकी तुलना में राष्ट्रपति बाइडन के शासनकाल में व्हाइट हाउस में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ”मैंने अपना करियर व्हाइट हाउस में बिल क्लिंटन के दौर में शुरू किया था। उस दौरान राष्ट्रपति के पूरे कार्यकारी कार्यालय में मुट्ठी भर भारतीय-अमेरिकी थे। और आज मैं इतने सारे नेताओं के बीच होने के लिए बहुत भाग्यशाली महसूस करती हूं कि राष्ट्रपति के सहायकों में काफी भारतीय-अमेरिकी मौजूद हैं।”
टंडन ने कहा, ”कई कंपनियों के शीर्ष पदों पर भारतीय-अमेरिकी हैं, कांग्रेस में भारतीय-अमेरिकी हैं, हमारे पास रिकॉर्ड संख्या में भारतीय-अमेरिकी हैं। कांग्रेस में हमारे पांच सदस्य हैं और नवंबर के बाद शायद इनकी संख्या और बढ़ेगी।”
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका शिक्षा, अवसर, उद्यमियों और नवाचार के मूल्यों को साझा करते हैं।