ब्रिजटाउन (बारबाडोस), 18 जून (भाषा) क्रिकेट में भ्रष्टाचार खेल के प्रशासकों के लिए अब भी बड़ा सरदर्द बना हुआ है लेकिन यहां टी20 विश्व कप के दौरान कीनिया के एक पूर्व क्रिकेटर का युगांडा के खिलाड़ी से संभावित भ्रष्ट पेशकश का मामला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) ने तुरंत ही निपटा दिया।
पीटीआई को पता चला है कि यह घटना गयाना में लीग चरण के मैचों के दौरान घटी जहां कीनिया के एक पूर्व तेज गेंदबाज ने अलग-अलग नंबरों से युगांडा की टीम के सदस्य से लगातार संपर्क करने की कोशिश की।
युगांडा के खिलाड़ी ने आईसीसी के भ्रष्टाचार निरोधक प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वहां मौजूद एसीयू अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने इस पर तुरंत ही कार्रवाई करते हुए सभी एसोसिएट टीमों को कीनिया के इस पूर्व खिलाड़ी से सतर्क रहने को कहा।
एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह हैरानी वाली बात नहीं है कि उस व्यक्ति ने युगांडा की राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी को निशाना बनाया। बड़ी टीमों की तुलना में छोटे देश आसान लक्ष्य होते हैं लेकिन इस मामले में खिलाड़ी ने जल्द ही आईसीसी को सूचित करके अच्छा काम किया।’’
भ्रष्ट पेशकश की जानकारी नहीं देना आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के तहत अपराध है। अन्य अपराधों में मैच फिक्सिंग, खेल पर सट्टा लगाना, अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग और जांच में सहयोग न करना शामिल हैं।
युगांडा ने टी20 विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत पापुआ न्यू गिनी पर जीत से की लेकिन इसके बाद उसे अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज से हार का सामना करना पड़ा था। उसने चार में से अपने तीन मैच गयाना में खेले।
एक अन्य सूत्र ने कहा,‘‘खिलाड़ियों विशेष कर छोटे देश के क्रिकेटरों से हर समय संपर्क किया जाता है। टी20 विश्व कप जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में अधिक सतर्कता बरती जाती है और अगर किसी पेशकश की जानकारी आईसीसी एसीयू को दी जाती है तो फिर प्रोटोकॉल के अनुसार उचित जांच की जाती है।’’
बड़ी प्रतियोगिताओं में भ्रष्ट पेशकश की यह कोई पहली घटना नहीं है। भारत में 2011 में खेले गए वनडे विश्व कप के दौरान कथित सट्टेबाजों ने कनाडा के विकेटकीपर हमजा तारीक से संपर्क किया था जिन्होंने तुरंत ही अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी थी।