मुंबई, 17 जून (भाषा) शिवसेना नेता संजय निरुपम ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर एक समाचारपत्र की खबर के आधार पर “गलत” जानकारी फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को लेकर रविवार को राजनीतिक वाकयुद्ध शुरू हो गया था, जिसमें गांधी, ठाकरे और अन्य विपक्षी नेताओं ने मीडिया की एक खबर का हवाला दिया था। उक्त खबर में आरोप लगाया गया था कि शिवसेना के मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार को चार जून को मतगणना के दौरान ईवीएम से ‘‘जुड़े’’ मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था।
मीडिया की खबर में कहा गया है कि मतगणना के दौरान शिवसेना उम्मीदवार रवीन्द्र वायकर के एक रिश्तेदार ने एक ईवीएम को ‘‘अनलॉक’’ करने के लिए एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था।
हालांकि, निर्वाचन क्षेत्र की रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने ‘मिड-डे’ अखबार की खबर को “झूठी खबर” करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि प्रकाशन को मानहानि का नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम एक स्वतंत्र प्रणाली है, जिसे ‘प्रोग्राम’ नहीं किया जा सकता और इसमें वायरलेस से संचार स्थापित नहीं किया जा सकता।
वायकर ने मुंबई की उत्तर-पश्चिम सीट से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को मात्र 48 मतों से हराया।
निरुपम ने यहां पत्रकारों से कहा कि अंग्रेजी दैनिक ने खबर में “अपनी गलती स्वीकार की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं गलत सूचना को बढ़ावा देने के लिए राहुल गांधी, (वकील) प्रशांत भूषण और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य नेताओं से भी इसी तरह की जवाबदेही की मांग करता हूं। आदित्य ठाकरे ने झूठे विमर्श फैलाने के लिए उसी खबर का इस्तेमाल किया, जिसके दुष्परिणाम हुए हैं। अब, उन सभी को माफी मांगनी चाहिए।”
निरुपम ने ईवीएम से छेड़छाड़ के बारे में संदेह जताए जाने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने दावा किया कि मतगणना प्रक्रिया पूरी होने से पहले कीर्तिकर की जीत की घोषणा की गई, जो कि वायकर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को बदनाम करने का जानबूझकर किया गया प्रयास है।
निरुपम ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ से भी माफी मांगने की मांग की और दावा किया कि उसने भी मुंबई उत्तर पश्चिम सीट के परिणाम के बारे में इसी तरह की ‘झूठी खबर’ प्रकाशित की। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह इस मामले को भारतीय प्रेस परिषद तक ले जाएंगे।