कभी प्रतिशोध की राजनीति नहीं की, भविष्य में भी नहीं करूंगा: सिद्धरमैया

मैसुरु (कर्नाटक), 15 जून (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा कि उन्होंने और उनकी सरकार ने कभी भी ‘‘प्रतिशोध की राजनीति’’ नहीं की और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने भाजपा पर इस तरह के कृत्यों में लिप्त होने का आरोप लगाया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) ने पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में गिरफ्तारी वारंट के बाद सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया था।

जद (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस नीत सरकार पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के परिवार को निशाना बनाने के बाद अब येदियुरप्पा परिवार को निशाना बना रही है।

सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब उन्होंने (भाजपा) हमारे खिलाफ मामले दर्ज किये, तो क्या यह निशाना बनाना नहीं था? मेरे खिलाफ, डी के शिवकुमार (उपमुख्यमंत्री), राहुल गांधी (कांग्रेस नेता) के खिलाफ मामले दर्ज किये गये, इसे क्या कहा जाना चाहिए? उन्होंने राहुल गांधी की सदस्यता (लोकसभा की) रद्द कर दी थी। इसे क्या कहा जाना चाहिए?’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल भेज दिया गया। इसे नफरत की राजनीति कहा जाना चाहिए या प्यार की राजनीति? ये वे लोग हैं जो प्रतिशोध की राजनीति करते हैं। हम कभी प्रतिशोध की राजनीति नहीं करेंगे…मैंने अभी तक ऐसा नहीं किया है। मैं कल या आज राजनीति में नहीं आया हूं। यह (प्रतिशोध की राजनीति) भाजपा का काम है।’’

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को येदियुरप्पा के खिलाफ दर्ज यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले में उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता को 17 जून को मामले की जांच कर रही सीआईडी ​​के समक्ष पेश होने का भी निर्देश दिया गया।

पुलिस के अनुसार, येदियुरप्पा के खिलाफ 17 वर्षीय एक किशोरी की मां की शिकायत के आधार पर पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है। महिला ने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा ने इस साल 2 फरवरी को बेंगलुरु के डॉलर्स कॉलोनी में अपने आवास पर एक मुलाकात के दौरान उसकी बेटी से छेड़छाड़ की।

यह पूछे जाने पर कि क्या दक्षिण भारत से आठ सांसदों को केंद्रीय मंत्री बनाया जाना दक्षिण में भाजपा का विस्तार करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बड़ी योजना का हिस्सा है, सिद्धरमैया ने कहा कि वे चाहे जो भी करें, दक्षिण भारत के लोग भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि यह ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का राजनीतिक मुखौटा’’ है।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनावों में उन्हें उत्तर प्रदेश और मुंबई (महाराष्ट्र) में भी झटका लगा है। आरएसएस के एक नेता ने कहा है कि लोगों ने उन्हें (भाजपा को) उनके अहंकार के लिए सबक सिखाया है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा प्रतिशोध की राजनीति करती है। उन्होंने कहा, ‘‘ईडी, आयकर विभाग, सीबीआई के नाम पर वे धमकी देते हैं। वे शुरू से ही ऐसा करते रहे हैं, वे अब भी ऐसा कर रहे हैं, इसलिए लोगों ने उन्हें इस बार बहुमत नहीं दिया।’’

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कड़ी मेहनत करने वाले छात्रों के साथ अन्याय हुआ है…इसकी जांच होनी चाहिए और दोबारा परीक्षा होनी चाहिए। एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) ने परीक्षाएं ठीक से आयोजित नहीं की हैं। कृपांक देना अच्छी परंपरा नहीं है, किसी को भी कृपांक देकर उत्तीर्ण नहीं किया जाना चाहिए।’’