नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण(एनसीएलटी) ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी गो फर्स्ट को दिवाला प्रक्रिया पूरी करने के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया है।
यह कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) को पूरा करने के लिए गो फर्स्ट को दिया गया चौथा विस्तार हैं। कंपनी खरीदार खोजने के लिए संघर्ष कर रही है। इससे पहले दिवाला अधिकरण ने आठ अप्रैल को 60 दिन का विस्तार दिया था जो तीन जून 2024 को समाप्त हो गया था।
गो फर्स्ट को अब तीन अगस्त 2024 तक की मोहलत दी गई है।
दिल्ली स्थित एनसीएलटी पीठ ने विस्तार देते हुए कहा, ‘‘ यह अंतिम विस्तार है।’’
दो सदस्यीय पीठ ने विस्तार की मांग करने पर समाधान पेशेवर को भी कड़ी फटकार लगाई।
‘रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल’ (आरपी) की ओर से पेश हुए वकील ने अधिकरण को सूचित किया कि वे यह विस्तार दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले के बाद उत्पन्न असाधारण स्थिति के कारण मांग रहे हैं, जिसमें डीजीसीए को उसके सभी 54 विमान का पंजीकरण रद्द करने को कहा गया था।
आरपी के अनुसार, जिन लोगों ने एयरलाइन खरीदने में रुचि दिखाई है उन्होंने अपने प्रस्तावों को संशोधित कर दिया है और ऋणदाताओं को अभी उन पर विचार करना है। इसलिए 60 दिन का विस्तार आवश्यक है।
दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार सीआईआरपी को 330 दिन के भीतर पूरा करना अनिवार्य है। इसमें मुकदमेबाजी के दौरान लगने वाला समय भी शामिल है। संहिता की धारा 12(1) के अनुसार सीआईआरपी को 180 दिन के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
गो फर्स्ट ने पिछले साल तीन मई को उड़ानों का संचालन बंद कर दिया था।